EOW का बड़ा खुलासा 1000 करोड़ रूपये की सिर्फ Tax चोरी तो मुनाफ़ा कितना , पढ़े गुटखा कंपनी पर यह स्पेशल रिपोर्ट

 

Bhopal से गौतम कुमार की रिपोर्ट :- एक तरफ जहाँ देश में गरीबी , बेरोज़गारी और ढीली अर्थव्यस्था का दौर जारी है। वहीँ दूसरी तरफ एक ज़हर बेचने वाली कंपनी 1000 करोड़ का Tax चोरी कर लेती है। समझिये इस चीज़ को 1000 रूपये की सिर्फ कर चोरी हुई है तो फिर मुनाफ़ा कितना रहा होगा। यहाँ बात चल रही है राजश्री पान-मसाला कंपनी की। जबसे 10 विभागों ने इसपर छापा मारा है आये दिन नए खुलासे हो रहे हैं। EOW को अंदाजा था कि मामला सिर्फ 100 करोड़ की Tax चोरी का है। पर शुरूआती जांच में जो आकड़े सामने आये हैं वह आपको हिला के रख देंगे। अगर जांच एजेन्सी की माने तो गुटखा किंग कमलकांत चौरसिया और शिवकांत चौरसिया ने सरकार को 1000 करोड़ रूपये का चुना लगाया है। और यह आकड़े सिर्फ पिछले 9 महीनों के हैं। पिछली सरकारों के दौरान क्या हुआ भगवान जाने।  

समझिये आकड़ों के इस खेल को
जांच एजेंसियों की माने तो गुटखा कंपनी ने दावा किया था कि पिछले नौ महीनो में 127 करोड़ गुटखा पाउच हीं पैक किये गए हैं। जिसमे 5 रूपये , 10 रूपये और 15 रूपये के पाउच शामिल हैं। पर शुरूआती जांच में हीं गुटखा कंपनी की पोल खुल गयी है। पिछले 9 महीनों में 127 नहीं बल्कि 450 करोड़ पाउच यहाँ पर पैक किया गया था। जहाँ अभी तक यह चोरी सिर्फ 100 करोड़ की Tax चोरी का लग रहा था वहीँ अब यह मामला 1000 करोड़ रूपये से ज्यादा के tax चोरी का हो सकता है। सूत्रों की माने तो फैक्टरी में 13 मशीनें हैं। एक मशीन एक मिनट में 750 पाउच पैक करती है। जिसमें 5 रुपए, 10 रु. और 15 रु. के पाउच शामिल हैं। कंपनी ने नौ महीने में 127 करोड़ पाउच की पैकिंग करना रिकाॅर्ड में दर्शाया है। लेकिन फैक्टरी के कर्मचारियों ने बताया कि 13 मशीनों पर 24 घंटे लगातार पाउच की पैकिंग होती है। मशीनों एवं कर्मचारियों को आराम देने के बाद भी 24 घंटे में 13 मशीनें लगभग 450 करोड़ पाउच की पैकिंग कर रहीं थी। इस लिहाज से कंपनी द्वारा लगभग 325 करोड़ पाउच के पाउच की टैक्स चोरी की गई।

ग्राहकों के साथ भी धोखा
450 करोड़ पाउच मतलब एक बड़ा तबका इन जहर समान पान मसालों का सेवन कर रहा था। गुटखा कंपनी ने सरकार को तो धोखा दिया ही साथ-साथ अपने ग्राहकों से भी धोखाधड़ी करते आया है। जहाँ एक हीं कंपनी में कमला पसंद और राजश्री के पाउच में एक हि पान मसाला भरा जा रहा था वहीँ इनकी गुणवत्ता पर भी जांच एजेंसियों ने सवालिया निशान लगाए हैं। कोई कंपनी अपनी साख अपने ग्राहकों में अपनी पहचान बनाकर पाता हैं राजश्री ने वह साख तो पाई पर अब लगता है उसको कायम नहीं रख पाए। अब अगर आपको ज़हर भी एक बार में मरने वाला बोलकर नकली थमा दिया जाए तो आपको दुःख तो अवश्य होगा पर शायद आप ऊँगली नहीं उठा पाएंगे क्यूंकि आपने जहर ख़रीदा था। शायद इसी बात का फायदा यह गुटखा कंपनियां भी उठा रही थी।

अब दर्ज़ होगा एफआईआर  
उम्मीद है कि बुधवार को कंपनी के मालिकों और संचालकों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज की जा सकती है। वहीं, सील फैक्री में तीन दिन पहले संदिग्ध परिस्थितियों में लगी आग की पुलिस जांच कर रही है। फैक्टरी में पुलिस और जीएसटी के गार्ड की मौजूदगी के बाद शार्ट सर्किट से आग लग गई थी। ईओडब्ल्यू एसपी अरुण मिश्रा का कहना है कि आग से किसी भी प्रकार के रिकार्ड को नुकसान नहीं पहुंचा था। जब्त रिकार्ड पूरी तरह सुरक्षित है। यह आग फैक्टरी के बेसमेंट में लगी थी। कच्ची सुपारी तक आग पहुंचने से पहले ही उस पर काबू पा लिया गया था। फैक्टरी में काम करने वाले मजदूर परिसर में ही रहते हैं।

क्या पहले भी कर रहे थे कर चोरी ?
1000 की कर चोरी सिर्फ नौ महीनो में। तो क्या गुटखा कंपनी इस काम को पिछले नौ महीने से हीं कर रही थी या यह खेल और भी पुराना है? हो सकता है कि यह मामला काफी दिनों से चला आ रहा हो और जिस तरह अभी कर चोरी हुई है वैसे हीं पहले भी होता आया हो और किसी का ध्यान न गया हो? सवाल अनेक हैं पर इनका जवाब तो जांच पूरी होने के बाद हीं मिल पाएंगे।

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