रतनगढ़ पहुंचे 800 साधु संत ,भंडारा स्थल पर इंतज़ाम न देखकर भड़के
दतिया :-मामला है दतिया के रतनगढ़ का जहाँ एक साथ 800 साधु संत भंडारे के लिए पहुँच गए पर वहाँ पहुँच कर जब कोई इंतज़ाम नहीं देखा तो वह भड़क उठे। गुरुवार रतनगढ़ माता मदिर परिसर में अचानक एक साथ इतने सारे साधु संत के पहुँच जाने से गहमा गहमी का माहौल बन गया , साधु मंदिर पहुँच कर भंडारा और संत समागम स्थल को ढूंढने लगे। शोरगुल की जानकारी मिलते ही प्रशाशनिक अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे और साधुओं से वार्तालाप के दौरान पता चला कि कंप्यूटर बाबा से उन्हें भंडारे का निमंत्रण प्राप्त हुआ था। और उनके पहुँचने पर पता चला की ऐसा कोई आयोजन और भंडारा यहाँ नहीं रखा गया है ,इसके बाद उनका गुस्सा फूट पड़ा। मौके पर अधिकारियों ने उनके गुस्से को काबू किया और उनके भंडारे की व्यवस्था कराई और फिर उन्हें आदर सहित रवाना किया।
कहाँ कहाँ से आये साधु –
मिली जानकारी के अनुसार मथुरा ,वृन्दावन,आगरा ,प्रयागराज,बनारस,भोपाल ,ग्वालियर ,छतरपुर ,टीकमगढ़ ,भिंड इत्यादि जिले से साधुओं का आना मंगलवार से शुरू हो गया गुरुवार तक संख्या 800 पार हो गयी। वरिष्ठ साधु ने मंत्री के पुजारी से कहा कि 17 सितम्बर को सीएम हाउस पर पूर्व मुख्यमंत्री ,बाली बाबा ,व कंप्यूटर बाबा ने संत समागम कार्यक्रम का आयोजन किया था जिसमे घोषणा की थी कि 11 दिसंबर 2018 को विधानसभा चुनाव को जीतने के बाद प्रदेश में कांग्रेस सरकार बनाने का संकल्प पूरा हुआ।
12 दिसंबर 2019 को एक साल पूरा होने पर भंडारा और समागम होना तय किया गया था इसीलिए हम लोग आये हैं।
वहीँ बाली बाबा का कहना है कि सरकार का एक वर्ष पूरा होने पर कंप्यूटर बाबा का रतनगढ़ जाना तय हुआ था। इस प्रकार के आयोजन की कोई बात नहीं की गयी थी।
बाली बाबा के अनुसार मार्च में संत समागम एवं भंडारे का आयोजन तय किया गया है। इसके लिए निमंत्रण पत्र सभी तीर्थ स्थलों पर भेज दिए जाएँगे।
एसडीएम सेवड़ा राजेश परमार का कहना है कि साधुओं के गुस्से को काबू पाकर उन्हें भोजन करा दिया गया है ,पर यह अब तक नहीं पता चल पाया की उनका आह्वान किसके द्वारा हुआ। फिलहाल सभी साधु संत को सकुशल ख़ुशी ख़ुशी रवाना करा दिया गया है।