MP युवाओं के कान ख़राब कर रहा ईयरफोन, हो सकते हैं बड़ी बीमारी का शिकार
MP युवाओं के कान ख़राब कर रहा ईयरफोन, हो सकते हैं बड़ी बीमारी का शिकार
मध्यप्रदेश:- सुनने में परेशानी के मामले रोज़ाना सामने आ रहें हैं| इसकी बड़ी वजह कोरोना में लगे लॉकडाउन में मोबाइल-फ़ोन्स का इस्तेमाल करना है| दरहसल, युवाओं में ईयरफोन और ईयरबड्स के लगातार उपयोग से सुनने की क्षमता 30 से 50 डेसीबल तक कम हो रही है। इसकी वजह कंपनियों द्वारा घंटों मीटिंग होना सेमिनार, स्कूल और कोचिंग की घंटों चलने वाली ऑनलाइन क्लासेस और वेब सीरीज हैं। हालात यह हैं कि शहर के प्रमुख ईएनटी स्पेशलिस्टों के पास हर महीने 150 से ज्यादा लोग पहुंच रहे हैं, इसमें 75 फीसदी युवा हैं और 10% बच्चे हैं, जिनकी उम्र 15 साल से कम है। हमीदिया के ईएनटी विभाग के स्पेशलिस्ट डॉ. यशवीर जेके ने बताया कि एक महीने में 50 से ज्यादा मरीज बहरेपन का इलाज करवाने आ रहे हैं। पूछताछ करने पर ज्यादातर युवाओं का ये ही जवाब होता है कि लंबे समय से मोबाइल फोन में ईयरफोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके चलते यह परेशानी बढ़ रही है।
तेज आवाज से हार्ट और ब्रेन काे खतरा भी
डॉ. जेके ने बताया कि कोई मीटिंग, सेमिनार या फिर ऑनलाइन क्लासेस हो तो उसमें 30 मिनट का ब्रेक जरूर होना चाहिए। तेज आवाज म्यूजिक सुनने से हार्ट और ब्रेन को इनडायरेक्ट खतरा हो सकता है। वहीं ईयर फोन पर लंबे समय तक लाउड म्यूजिक सुनने से कान की नसें डेड हो जाती हैं।
जानिए बहरेपन के लक्षण
कान में सीटी की आवाज सुनाई देना। कम सुनाई देना {फोन पर बात करने में परेशानी चक्कर आना, सनसनाहट, नींद न आना, सिर दर्द, कान में दर्द चिड़चिड़ापन, एंग्जायटी और ब्लड प्रेशर बढ़ना।
आपको बताते हैं की किस तरह से हम इससे बच सकते हैं| महीने में एक बार कानों की जांच जरूर करवाएं। ऐसे लोग जो बहुत ज्यादा शोर वाले इलाके में काम करते हैं। उन्हें साल में एक बार जांच कराना चाहिए, लंबे समय तक फोन पर बात नहीं करें। बहुत जरूरत होने पर ही ईयरबर्ड्स या ईयरफोन का इस्तेमाल करें।
अगर आपका प्रोफेशन कॉल सेंटर या फोन पर काम करने का है तो हर घंटे में कम से कम 10 मिनट का ब्रेक लें और फ्रेश एयर में जाएं।