Chhatisgarh Desk ,Gautam Kumar
पूरे विश्व में कोरोना नामक महामारी ने तबाही मचा रखी है। लोग अपने घरों में रहने को मजबूर हैं। पूरा विश्व मानो थम से गया है। लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दिन-रात इस महामारी से लड़ने में लगे हैं। देश भर के स्वास्थ्य कर्मी इस महामारी से लड़ने में लगे हैं। पर सरकार इनको वो सुविधायें नहीं मुहैया करवा पा रही है।छत्तीसगढ़ के दुर्ग में आज ऐसा ही नजारा देखने को मिला।यहां स्वास्थ्य कर्मियों की लिए जांच औऱ प्रोटेक्शन किट भेजी गई थी। इनकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि इससे आप लड़ना तो दूर बच भी नही सकते हैं। डॉक्टरों ने इसे लेने से साफ मना कर दिया और सारी किट वापस भेज दी गई।
कैसा था kit
दरअसल ऑपरेशन में उपयोग किया जाने वाला मास्क विशेष डिजाइन की टोपी वाला होनी चाहिए। लेकिन इस कीट में किक्रेट मैच में उपयोग में लाए जाने वाले सफेद गोल टोपी को शामिल किया है। वहीं, जूता कव्हर की जगह अग्निशमन विभाग के कर्मचारियों द्वारा उपयोग में लाया जाने वाला लांग गम बूट और दस्ताना जैसा है। फूल कव्हर करने वाला एप्रान भी हाफ है। केवल सामने का हिस्सा ही ढक पाएगा।
ऐसा होना चाहिए किट
स्वास्थ्य विभाग के टैक्निशियनों का कहना है कि कोरोना संभावितों का सैंपल लेते समय उपयोग में लाए जाने वाला किट ऐसा होना चाहिए, जिसमें शरीर का कोई भी हिस्सा सीधे संपर्क में न आए। ग्लबस भी कम से कम तीन होना चाहिए। वह भी मेडिकल ग्लब्स। इसके अलावा शरीर को पूर्ण रूप से ढकने वाला (चिप लगा हुआ) गाउन। साथ सिर और चेहर को ढका जा सका मास्क व ऑपरेशन थिएटर में उपयोग में लाए जाने वाला कैप। इसके अलावा जूते की आवश्यकता नहीं है बल्कि जूता को कव्हर करने के लिए मेडिकल शूज कैप की आवश्यकता है।