कांग्रेस सेवादल की पुस्तक में सावरकर और नाथूराम गोडसे के शारीरिक संबंध बताने पर, गर्म हुई भाजपा

भोपाल / राजनीतिक संवाददाता :- नाथूराम गोडसे के साथ वीर सावरकर के संबंधों के बारे में बताने वाले कांग्रेस सेवादल पर भाजपा के कई नेताओं ने अपनी नाराजगी पर प्रतिक्रिया दी। भाजपा महासचिव अनिल जैन ने कांग्रेस पर कटाक्ष करते हुए कहा कि “दुनिया कांग्रेस नेताओं के विभिन्न रिश्तों को जानती है”, लेकिन वह इस तरह की बकवास नहीं करना चाहते हैं। हिंदुत्व के प्रतीक वीर सावरकर की तरह कांग्रेस में किसी को भी नुकसान नहीं हुआ, इसके साथ ही साथ जैन ने कहा कि विपक्षी दल ने उन पर हमला करने के लिए क्या कम किया है। उन्होंने कहा कि सावरकर के बारे में ऐसी अपमानजनक टिप्पणी का कांग्रेस को जवाब देना चाहिए। जैन ने सरदार वल्लभभाई पटेल, भीम राव अंबेडकर और सावरकर जैसे नेताओं को कांग्रेस द्वारा बदनाम करने का आरोप लगाते हुए कहा, “परिवार को छोड़कर कोई भी कांग्रेस में सम्मान के योग्य नहीं है।”
शर्मनाक! ऐसी अनर्गल टिप्पणी कांग्रेस के बौद्धिक दिवालियेपन की गवाही दे रहे हैं। आसमान की ओर मुंह करके थूकने से आकाश गंदा नहीं होता है, बल्कि वह थूकने वाले पर ही गिरता है। अपने इन्हीं कारनामों के कारण कांग्रेस आज मृत्यु शैया पर पड़ी है :- शिवराज सिंह चौहान
इतिहास में ऐसा दूसरा उदाहरण नहीं है कि अंग्रेजों के विरोध के कारण सावरकरजी व उनके भाई वर्षों एक ही जेल में रहें और दोनों को एक दूसरे की जानकारी नहीं थी। जिन राष्ट्रभक्तों ने ऐसी यातनाएं सही, उनके बारे में कांग्रेस के विचार लज्जाजनक व राष्ट्रभक्ति की परंपरा को अपमानित करने वाले है। कांग्रेस की संस्कृति व्यक्ति व परिवारवाद की चरणवंदना करने वालों की संस्कृति है, अतः चाहे नेताजी सुभाष हों, वीर सावरकर हों, सरदार पटेल हों, डॉ. श्यामाप्रसाद हों या पं. दीनदयाल जी हों, नेहरू-गांधी परिवार के अतिरिक्त कांग्रेस किसी के भी बलिदान की कद्र नहीं करती। कांग्रेस सेवादल ने वीर सावरकर को लेकर जैसे साहित्य बांटे गए, ये लोग अवश्य मतिभ्रम के दौर से गुजर रहे हैं। ये समझ नहीं पा रहे कि किसका विरोध करें और किसका समर्थन। कांग्रेस नेता उन राष्ट्रभक्तों को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे जो विशेष रूप से बहुसंख्यक आबादी के हितचिंतक रहे हैं :- राकेश सिंह भाजपा प्रदेश अध्यक्ष
क्या है पूरा मामला :-
मध्य प्रदेश में कांग्रेस से जुड़े सेवादल के एक शिविर में वितरित एक हिंदी पुस्तिका में दावा किया गया है कि सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे शारीरिक संबंध में थे।