मध्यप्रदेश /जबलपुर (Jabalpur) – : मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के जबलपुर में इस साल सरकारी गेंहू की खरीदी लगभग 4 लाख मिट्रिक टन हुई है। गेंहू की बंपर पैदावार और फिर उसकी सरकारी खरीद फरोख्त अब भ्रष्टाचारियों के लिए काले गोरखधंधे का सफेद ज़रिया बन गई है.। कोरोना (Corona) वायरस के समय बड़ी ही शालीनता के साथ किसानों की उपज की पाइ-पाइ खरीदी गई. प्रदेश मे 1 करोड़ मिट्रिक टन से ज्यादा की खरीदी होने के साथ इसे रिकाॅर्ड भी बताया गया,। परन्तु खरीदी के बाद कितना अनाज़ महफूज़ हुआ और कितना बर्बाद इस सच्चाई हैरान करने वाली है.।
भंडारण और परिवहन के नाम पर सरकार को हुआ करोड़ों रुपयों का नुकसान । .अब सवाल ये है कि गेंहू खुले में क्यों रखा गया है । क्या शहर मे भंडार की व्यवस्था पूरी नहीं है । क्या वेयर हाउस खाली नहीं है या फिर जानबूझकर गेंहू को सड़ाने को छोड़ा गया है । इन सवालो की जब हमने पड़ताल की तो जो सच्चाई सामने आई वो चैकाने वाली है । वेयर हाउस संचालक बार बार प्रशासन के पास जाते रहे और ये कहते रहे कि वेयर हाउस खाली है । इसके बाद भी गेंहू को ओपन कैप में रखा जा रहा है । अब कहा जा रहा है कि जिले मे करीब 1 लाख क्विंटल से ज्यादा का गेंहू खुले मे पड़ा है और मानसून आ रहा है । अब इस कारण से हमने कई वेयरहाउॅस का दौरा किया और जाना कि क्या सही में वेयर हाउस भरे हैं। तो हमने पाया कि अधिकांश मे अभी लाखों क्विंटल गेंहू रखा जा सकता है ।
अब इस तरह होता है भ्रष्टाचार का खेल – :
में गेंहू के इस गंदे खेल में हमे समझ मे आने लगी एक ओर वेयर हाउस खाली है और गेंहू ओपन कैप मे भंडारित होता गया । अब सवाल उठता है कि अधिकारी आखिर जगह होने के बाद भी क्यों गेंहू को खुले मे रख रहे थे । खुले में सड़ रहे गेंहू को एफएक्यू के नाम पर अमानक घोषित किया जाएगा या तो इन्हें पीडीएस में भेजा जाएगा या फिर सड़ा हुआ दर्शाते हुए पूरे माल की निलामी कर दी जाएगी । करोड़ो मे की गई गेंहू की इस खरीद को कौंड़ियो के दाम निजी हाथों में सौंपा जाएगा ।
अब इनको फायदा पहुंचाने की कोशिश है – :
इस गंदे खेल में सहकारी समितियों ने की गई गेंहॅू खरीदी के बाद उसका भंडारण उनसे लगे नजदीक के वेयर हाॅउस में किया न जाकर दूर के वेयर हाउस मे हो रहा है । ये पूरा खेल मैपिंग के नाम पर किया जाता है जिसमे ट्रांस्पोर्टरो को फायदा पहुॅचाया जा रहा है। ट्रांस्पोर्टस 3 रूपए के जगह अब 17 रुपये क्विंटल तक चार्ज लेते है। इससे सरकार पर अतिरिक्त बोझ भी बढ़ रहा है ।
इस गड़बड़ी के सिलसिले मे हमने हर जिम्मेदार आधकारी से जानना चाहा, लेकिन कोई बोलने तैयार नही हुआ । आखिर मे जबलपुर संभाग के आयुक्त महेश चंद्र चौधरी (Mahesh chandra chodhary)ही इस मामले मे बोलने तैयार हुए। और अब पूरे मामले को जानने के बाद उन्होने इसे गंभीर बताया तथा जांच की बात कही. उन्होंने कहा कि जिस भी अधिकारी के चलते गेंहू बर्बाद होगा उससे रिकवरी भी करवाई जाएगी ।