- आनंद ने 150 वीं जयंती पर गांधीजी की बनाई कलाकृति
- दो लाख प्लास्टिक के ढक्कनों से बनाई है आनंद ने यह कलाकृति
- कलाकृति से गिनीज बुक ऑफ़ रिकॉर्ड्स में स्थान चाहते हैं आनंद
देवास जिले के युवा कलाकार आनंद परमार ने महात्मा गांधीजी की 150 वीं जयंती पर प्लास्टिक के दो लाख ढक्कन से गांधीजी की कलाकृति बनाई है। आनंद अपनी इस कलाकृति के माध्यम से लोगों को प्लास्टिक वेस्ट के प्रति जागरूक करना चाहते हैं । आनंद नें अपनी इस अनूठी कलाकृति बनाने का कीर्तीमान दर्ज करने के लिए “गिनीज बुक ऑप वर्ल्ड रिकॉर्ड” में भी दावा पेश किया है।
आपको बता दें की आनंद जो की केपी कॉलेज के छात्र हैं उनको यह अनूठी कालकृति बनाने का जस्बा और प्रेरणा देशव्यापी आंदोलन को देखकर मिली । गांधीजी की 150 वीं जयंती के अवसर पर आनंद को ख्याल आया कि क्यों न प्लास्टिक के वेस्ट से ही कुछ ऐसा किया जाए जो लोगों को इस संबंध में प्रेरित कर सके।
इस कलाकृति को बनाने का विचार आनंद के दिमाग में आ तो गया लेकिन इस विचार को हकीकत का रूप देना आसान नहीं था । दो लाख से ज्यादा प्लास्टिक के ढक्कन एकत्रित करना, उन्हें करीने से पेंट करना और उन्हें व्यवस्थित ढंग से जमाना काफी मुश्किल था। लेकिन जब ये कलाकृति पूरी तरह से बनकर तैयार हुई तो इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है।
आनंद को उम्मीद है कि इस अनोखी कलाकृति के लिए उसे गिनीज बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में स्थान मिल सकता है। इससे पहले भी देवास के कलाकर राजकुमार चंदन अपनी कलाकृतियों के लिए गिनीज बुक में नाम दर्ज करवा चुके हैं।
हम भी यही उम्मीद करिंगे की आनंद को अपनी इस अनूठी कालकृति के लिए गिनीज बुक ऑफ़ रिकार्ड्स में स्थान मिले और उनकी इस कलाकृति से ज्यादा से ज्यादा लोग प्लास्टिक को लेकर जागरूक हो सके ।