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क्या आपको इमरजेंसी की आहट सुनाई दे रही है? नहीं? तो सुनिए

क्या आपको इमरजेंसी की आहट सुनाई दे रही है? नहीं? तो सुनिए
New Delhi Gautam
:- क्या आपको इमरजेंसी की आहट सुनाई दे रही है? नहीं? तो सुनिए – दिल्ली के उपराज्यपाल ने पुलिस कमिश्नर को अधिकार दिया है कि वह किसी शख्स को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 के तहत 3 महीने के लिए हिरासत में ले सकता है।

क्या है रासुका ?
दिल्ली पुलिस को सिर्फ यह शक होना चाहिए कि कोई व्यक्ति कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है। बस, 3 महीने के लिए वह अंदर होगा।दिल्ली पुलिस अब चाहे तो किसी को भी सिर्फ शक के आधार पर गिरफ्तार कर सकती है। 17 जनवरी को उपराज्यपाल अनिल बैजन ने एक अधिसूचना जारी कर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत दिल्ली पुलिस आयुक्त को किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार प्रदान किया है। रासुका क़ानून ऐसे व्यक्ति को एहतियातन महीनो तक हिरासत में रखने का अधिकार देता है , जिससे प्रशासन को राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए खतरा महसूस हो। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून 1980 की धारा 3 की उपधारा (3) का इस्तेमाल करते हुए 19 जनवरी से लेकर 18 अप्रैल तक दिल्ली पुलिस आयुक्त को किसी व्यक्ति को हिरासत में लेने का अधिकार दिया गया है।

 

                             

 

क्या CAA और NRC हैं वजह ?
यहब फैसला यहएक उसी समाय क्यों आया जब देशभर में CAA  और NRC का विरोध हो रहा है। क्या सरकार लोगों की आवाज को दबाना चाहती है या दिल्ली के शाहीन बाग़ को सरकार जल्द से जल्द खुलवाना चाहती है। यह सब तो आगामी दिवसों में साफ़ ही हो जाएगा।  बहरहाल दिल्ली पुलिस का यह कहना है कि यह नियमित आदेश है जो हर तीन महीने में ज़ारी किया जाता है इसका मौजूदा परिस्थितयों से कोई भी संबंध नहीं है।

 

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