हम इसके सपने पूरे करेंगे : दंपती माइकल व इरिका

नीमच: ‘वी विल मेक हर ड्रीम्स कम ट्रू’ (हम इसके सपने पूरे करेंगे)। ये शब्द थे 12 साल से नि:संतान अमेरिकन 35 वर्ष के दंपती माइकल कोरी व 31 वर्ष के इरिका के। सात समंदर पार अमेरिका के शहर मिसीसी से यहां आकर जब जिला न्यायालय परिसर में गुरुवार को डेढ़ साल की कुपोषित बालिका इशिता के गोदनामे को लेकर वात्सल्य गृह संस्था से एग्रीमेंट किया,तो दोनों की ख़ुशी का ठिकाना नहीं रहा।
19 माह पहले वात्सल्य गृह संस्था को इशिता कचरे के ढेर से मिली थी, जिसकी परवरिश बहुत ही रेख देख में हुई। इशिता मार्च 2018 में कचरे के ढेर में लहूलुहान व प्री-मैच्योर हालत में मिली थी। अमेरिकन दंपती सेंट्रल अडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के जरिए नीमच की संस्था से संपर्क में आए और प्रक्रिया पूरी की।
अमेरिका के मिसीसी निवासी माइकल कोरी व पत्नी इरिका का विवाह 2007 में हुआ था, 12 साल से संतान नहीं हो रही थी। माइकल एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट में अकाउंटेंट हैं। पिछले दिनों वे केंद्र सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संबद्ध सेंट्रल अडाप्शन रिसोर्स अथॉरिटी (कारा) के माध्यम से नीमच में संचालित वात्सल्य गृह के संपर्क में आए। वेबसाइट के जरिए निराश्रित बालिकाओं की जानकारी ली।