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अनूपपुर : व्यंकटनगर सचिव का भ्रष्टाचार उजागर, 2019 में स्वीकृत सडक को कागजों पर किया निर्माण

अनूपपुर : व्यंकटनगर सचिव का भ्रष्टाचार उजागर, 2019 में स्वीकृत सडक को कागजों पर किया निर्माण

  • भ्रष्टाचार की जड़ें अनूपपुर में कितनी मजबूत है इसकी बानगी देखनी हो तो एक बार व्यंकटनगर मे देखी जा सकती हैं. जहां 2019 में एक पी सी सी सड़क दोनो तरफ नाली सहित स्वीकृत हुई थी पर आज दिनांक तक सडक का निर्माण नही हो सका. जबकि इस सडक के नाम पर स्वीकृत राशि का भुगतान सचिव द्वारा कुछ चहेते सप्लायरों को कर दिया गया.

क्या है मामला
दरसल व्यंकटनगर ग्रामपंचायत में मुख्य मार्ग से विजय व मुरली केवट के घर तरफ करना था जिसके लिए 79000 रुपये की राशि स्वीकृत हुई थी पर आज दिनांक तक इस सडक का निर्माण कार्य नही हुआ नाली की तो बात ही नही आती जब सड़क निर्माण नही हुआ तो भला नाली कैसे बन जायेगी इस कि स्वीकृत एजेंसी ग्रामपंचायत थी पर सचिव सरपंच के भृष्टचार ने इस सडक को निगल लिया और सरकारी खजाने को अपने ऐसो आराम के लिए लूट खाया
अपने चहेतों के नाम कर दिया भुगतान
हमारे सूत्र बताते है कि इस सडक निर्माण के नाम पर सरपंच सचिव ने अपने चहेते मटेरियल सप्लायरों भदौरिया टेडर्स, जितेंद्र मटेरियल सप्लायर को बकायदा भुगतान कर दिया जबकि अगर सडक बनी नही तो मटेरियल कहाँ गिर गया अपने आप मे बड़ा सवाल है


किसको कितना भुगतान हुआ 
स्वीकृत राशि मे सडक निर्माण में मटेरियल सप्लाई के नाम पर सरपंच सचिव ने अपने चहेते जितेंद्र मटेरियल सप्लायर को 19000 का भुगतान कर दिया तो वही भदौरिया टेडर्स को 49600 का भुगतान कर राशि का आहरण कर लिया अब सवाल यह है कि क्या दोनो सप्लायर फर्जी बिल लगा कर पैसे का आहरण किये और इस पैसे के बंदर बांट में कौन कौन शामिल है जांच का विषय है क्यों कि इन बिलों में जिस सड़क निर्माण के लिए मटेरियल सप्लाई किया जाना लिखा है वो सड़क आज दिनांक तक बनी नही तो कही ऐसा तो नही इन सप्लायरों के साथ सरपंच सचिव की सांठगांठ हो कि आप बिल लगाओ भुगतान हम करेंगे और फिर उस पैसे को निकाल कर आपस मे बंदर बांट करेंगे ऐसे कई अनसुलझे सवाल है जो   भृष्टचार में किये गए है


जनपद भी शक के घेरे में
ग्राम पंचायत व्यंकटनगर में लगातार भ्रष्टाचार हो रहे है और इसकी जानकारी जनपद को न हो ये संभव नही है क्योंकि इससे पहले भी कई बार जनपद तक शिकायतों का पुलिंदा पहुंचा पर कार्यवाही न होना ये बताता है कि कहीं न कहीं जनपद के मुख्यकार्यपालन अधिकारी की मूक सहमति या संरक्षण में ये सारा खेल चल रहा है. और जब साहब का संरक्षण ही भ्रष्टाचारियों को प्राप्त हो भला भ्रष्टाचार में कौन रोक लगा पायेगा
वही सूत्रों की माने तो जो बिल जितेंद्र मटेरियल सप्लायर के नाम से लगा है पूरी तरह फर्जी है इस नाम की कोई भी फर्म व्यंकटनगर में नही है और सूत्र बताते है कि ये जो व्यक्ति है सचिव के काफी करीबी बताया जा रहा है और इसी के चलते सांठगांठ कर इस फर्जी बिल का भुगतान भी किया गया है

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