दमोह : सिद्धार्थ मलैया ने अपनी ही सरकार को घेरा, MLA Rambai के खिलाफ चल रही कार्रवाई पर कही ये बड़ी बात
मध्यप्रदेश/दमोह – पथरिया विधायक रामबाई के खिलाफ चल रही कार्रवाई को लेकर वरिष्ठ बीजेपी नेता और पूर्व वित्तमंत्री जयंत मलैया के बेटे सिद्धार्थ मलैया ने प्रशासन और अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा किया। उन्होंने पथरिया विधायक के पति गोविंद सिंह को शासन की ओेर से दी गई सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया और सुरक्षा देने से आदमी का बड़ा होना बताया। साथ ही सरकार की व्यवस्था पर निशाना साधते उसे दुरुस्त करने तक की बात कह डाली।
उन्हाेंने पुलिस प्रशासन को आरोपित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट कोई बात रखेगा और कहेगा, तभी आप एक्शन लेंगे, चुनी हुई सरकारों का दायित्व है, उस काम को आगे बढ़ाने का। सुप्रीम कोर्ट यह देश चलाएगा। उन्होंने कहा कि चुनी हुई सरकार मेरी सरकार है, मैं आरोपित नहीं कर रहा हूं, प्रश्न खड़ा कर रहा हूं। क्योंकि ऐसा नहीं होता है, सुप्रीम कोर्ट कहे, तब कार्रवाई हो, स्वत: सिस्टम के तरीके से काम हो।
हालांकि, प्रदेश की कानून व्यवस्था के सवाल पर जवाब में मलैया ने कहा कि वे सरकार के खिलाफ नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव होंगे, लोग आएंगे और जाएंगे, लेकिन बात व्यवस्था की हैं। व्यवस्था ठीक हो, नेता हो या अधिकारी, उसे सच स्वीकार करना होगा। सरकारी सुरक्षा के साथ आदमी बड़ा होता हैं। विधायक के परिवार को लेकर उन्होंने कहा कि वे इस मामले को लेकर आज न्याय की आवाज उठा रहे हैं और व्यवस्था पर भी सवाल उठा रहे हैं। क्योंकि अभी ऐसा नहीं किया गया ताे, आने वाले समय में यह अपराध और बढ़ेगा और क्या पता आज नहीं तो कल या पांच साल बाद उनकी भी हत्या हो जाए।
सिद्धार्थ मलैया ने हटा में गोविंद सिंह परिहार के भाई महेंद्र सिंह और भतीजों पर संरक्षण देने के नाम पर दर्ज की गई एफआईआर पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पहले जांच होना चाहिए थी, उसके बाद मामला दर्ज होना चाहिए था, क्योंकि गोविंद सिंह से महेंद्र सिंह के परिवार का कोई संपर्क नहीं था। पुलिस द्वारा उन्हें हिरासत में लेने का कोई सवाल नहीं उठता हैं।
हालांकि इस बीच विधायक रामबाई के मामले को लेकर सिद्धार्थ के दो पक्ष सामने आए। उन्होंने एक पक्ष पर सुप्रीम कोर्ट की कार्रवाई काे सही बताया, लेकिन दूसरे पक्ष को लेकर उन्होंने पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई पर भी सवाल खड़ा किया। उन्होंने कहा कि हर काम के लिए सिस्टम है और एक कायदा हैं। रामबाई के यहां पर अतिक्रमण हटाने से पहले नाेटिस देना चाहिए था, उसके बाद बाउंड्रीवॉल तोड़नी चाहिए थी। रामबाई को लेकर उन्होंने कहा कि वे उनके पक्ष और विपक्ष में नहीं हैं, हम संगठित अपराध के खिलाफ हैं।