करोड़ो का अंडरब्रिज पानी -पानी ,इंजीनियर की लापरवाही के चलते जान हथेली में ऱखकर करते ब्रिज पार देखें video

करोड़ो का अंडरब्रिज पानी -पानी ,इंजीनियर की लापरवाही के चलते जान हथेली में ऱखकर करते ब्रिज पार देखें video
- विकास का दावा करने वाले पुल की खुली पोल
- ग्रामीणों का शहर से सीधा सम्पर्क टूटा ,
- इमरजेंसी सेवाओं के लिए तरस रहे गाँव के लोग
- जान हथेली में ऱखकर करते पार
जबलपुर जिले की तहसील सिहोरा के कुर्रे अंडरब्रिज का मामला
द लोकनीति डेस्क सिहोरा
भारतीय रेल्वे (indian railways) जो अपने काम को बेहतर तरीके से करने को लेकर जाना जाता है। लेकिन आज जो मामला हम आपको बताने जा रहे उसने रेल्वे की छवि ख़राब करने का कृत्य किया है। दरअसल मामला जबलपुर जिले की तहसील सिहोरा का है। यहां कुर्रे अंडरब्रिज का निर्माण चार साल पहले किया गया था। लेकिन आज यह ब्रिज पूरा पानी -पानी हो चुका है। अंडरब्रिज के उस पार कुर्रो पिपरिया, मड़ई, पथरोई, पहरूआ, छपरा, डूंडी, जमुनिया, हर्राखेड़ा आदि ग्रामों के हजारों ग्रामीण परेशान हो रहे हैं।
देखें video –https://www.facebook.com/111571187006513/posts/185868106243487/
क्या है पूरा मामला ???
मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी तहसील सिहोरा में 4 साल पहले पश्चिम मध्य रेल्वे (west central railway ) के द्वारा कुर्रे अंडरब्रिज का निर्माण किया गया था।
अंडरब्रिज बनाने का उद्देश्य ग्रामीणों को सुविधा देने का था लेकिन आज यह सुविधा बड़ी दुविधा में तब्दील हो गई। रेल्वे के इंजीनियर साहब ने इतनी जल्दबाज़ी में निर्माण करवाया की वो बड़ी ग़लती कर बैठे। 2015 के जनवरी माह में रेल प्रशासन ने रेलवे फाटक (337/बी/1) को बंद कर अंडरब्रिज का निर्माण किया था। अंडरब्रिज के निर्माण के दौरान दोनों तरफ के रास्तों को सीसी रोड से जोड़ दिया। अंडरब्रिज के नीचे के हिस्से को ठेकेदार ने बराबर नहीं किया। ढलान होने के कारण बारिश का सारा पानी अंडरब्रिज में जमा होने लगा। ठेकेदार की इस लापरवाही के कारण ब्रिज के नीचे दो से तीन फुट पानी भरा है, जो ग्रामीणों के आवागमन को पूरी तरह बाधित किए है, लगभग एक दर्जन गांव के लोग परेशान हैं।
सुविधा तो दूर की बात परेशानी का कारण बन रहा है ,
आज यह सुविधा बड़ी दुविधा में तब्दील हो गई – ग्रामीण
बड़ी ग़लती -पानी निकासी के लिए नहीं बनाई कोई जगह :
इस कुर्रे अंडरब्रिज में जो बड़ी ग़लती हुई वो पानी की निकासी को लेकर हुई है। यहां किसी भी प्रकार से पानी निकलने की कोई भी जगह नहीं दी गई जिसके कारण यहाँ लगातार पिछले कई सालो से पानी इसी तरीके से भरा रहता है। अब यह अंडरब्रिज एक enginner failure के कारण आज एक नदी -नाले की तरह पानी से लबालब भरा रहता है। पानी 5 -6 फ़ीट भरा रहता है और इसी गहरे पानी के ख़तरे से खेलकर और जान जोख़िम में ड़ालकर करते है इस ब्रिज को पार।
बड़ा सवाल -क्या रेल्वे के इंजीनियर अपने घर के निर्माण में भी पानी की निकासी नहीं निकालते ….??? सरकार के पैसों का सही तरीके से उपयोग यहां नहीं किया गया इसलिए ग्रामीण परेशान हो रहे है और यह बड़ी बात कह रहे है ” इससे अच्छा तो अंडरब्रिज का निर्माण न होता तो बेहतर ,हम जैसे रह रहे थे उसी में बेहतर थे ”