भोपाल : CM शिवराज सिंह चौहान की नाराजगी CPA को भारी पड़ी। 62 साल पुराने CPA (राजधानी परियोजना प्रशासन) का इतिहास सिर्फ 20 सेकंड में खत्म हो गया। शहर में 92% सड़कें नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और बीडीए की है। सिर्फ 8% ही हिस्सा सीपीए का था। उनमें भी कई सड़कें बेहतर स्थिति में थी। बावजूद सड़कों के मुद्दे पर सीपीए नप गया।
दरअसल, पिछले साल बारिश के दौरान राजधानी की सड़कें सरकार के दामन पर दाग बन गई थी। 50% सड़कें ऐसी थीं, जो बारिश में उखड़ चुकी थी। जिसके बाद सीएम ने नाराज़गी जताई थी।
इतना ही नहीं करीब 6 महीने पहले 20 अगस्त को सीएम चौहान ने मंत्रालय में बड़ी मीटिंग बुलाई थी। इसी दौरान उन्होंने सीपीए को खत्म करने के निर्देश दे दिए थे। इसके बाद प्रस्ताव बने और कई बैठकें हुईं। अब कैबिनेट में मंजूरी का ठप्पा लगते ही सीपीए इतिहास बन गया।
बता दे कि राजधानी की 8% सड़कों की देखरेख करने वाला CPA अब 3 विभागों में बंट गया। PWD, वन विभाग और भोपाल गैस राहत एवं पुर्नवास विभाग इसके कामकाज को देखेगा। सबसे बड़ी जिम्मेदारी PWD को दी गई हैं। बिल्डिंगों और सड़कों की देखरेख यही विभाग करेगा।