गौ-कैबिनेट से गायों को कुछ नहीं मिला, टैक्स वसूली से जनता को निचोड़ने का निर्णय हुआ, "शिव राज" में जनता को रुलाना है

गौ-कैबिनेट से गायों को कुछ नहीं मिला, टैक्स वसूली से जनता को निचोड़ने का निर्णय हुआ, “शिव राज” में जनता को रुलाना है
गौ कैबिनेट का फार्मूला है पुराना
कमलनाथ ने शिवराज पर साधा निशाना
भोपाल/गरिमा श्रीवास्तव:-मध्य प्रदेश सरकार अब गौ कैबिनेट के नाम पर जनता से टैक्स वसूली करने की तैयारी में है..
यह सरकार पहले नए नियम लाकर जनता को लुभाती है और फिर टैक्स वसूली कर अपना घर भरती है.
वैसे मध्यप्रदेश में सिर्फ शिवराज सरकार ही नहीं इससे पहले कमलनाथ की सरकार में भी गायों के नाम पर खूब भ्रष्टाचार हुआ. एक बार फिर से अब गायों पर सियासत शुरू हो गई है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कैबिनेट पर बैठक कर चुके हैं. अब तैयारी है जनता से टैक्स वसूलने की.
वैसे तो गाय भक्ति के नाम पर शिवराज तरह-तरह की बातें कहते हैं. गौ अष्टमी पर उन्होंने कहा कि गाय हमारी श्रद्धा और आस्था का केंद्र हैं। अगर कुपोषण को दूर करना है तो गाय का दूध अमृत का काम करता है। हमने अति कुपोषित बच्चों को गाय का दूध देने की व्यवस्था की है। गाय का दूध अमृत है ये मैं नहीं विज्ञान भी कहता है.
राज्य सरकार का कहना है कि उन्होंने राज्य में गायों की सुरक्षा के लिए कैबिनेट का गठन करना है.
गौ कैबिनेट पर जुबानी जंग तेज:-
शिवराज सरकार के गौ कैबिनेट के निर्णय पर पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गौकैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं।
उन्होंने अपनी चुनाव के पूर्व की गयी घोषणा में गौमंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गौ अभ्यारण और गौशालाओं के जाल बिछाने की बात भी कही थी, प्रत्येक घर में भी छोटी-छोटी गौशाला बनाने की भी बात उन्होंने अपनी चुनावी घोषणा में कही थी। अपनी पूर्व की घोषणा को भूलकर शिवराज फिर एक नई घोषणा कर रहे हैं।
अब देखना यह होगा कि भाजपा के इस घोषणा से गायों को लाभ मिलेगा या इसका लाभ खुद वह उठाएंगे.. क्योंकि गायों के नाम पर टैक्स वसूलने की तैयारी भाजपा सरकार बना रही है.
गौ कैबिनेट का फार्मूला है पुराना:-
गौ कैबिनेट मध्य प्रदेश की सियासत में कोई नई चीज नहीं है.छह साल से गाय को लेकर लगातार नए दावे किए जा रहे हैं, लेकिन शिवराज सरकार कोई ठोस फैसला नहीं कर पाई। इसी बीच 15 महीने सत्ता में रही कांग्रेस एक हजार गौशाला का फॉर्मूला लेकर आई। यह मुद्दा उपचुनाव में भी जमकर उठाया।
सत्ता में फिर अपनी पकड़ मजबूत बनाते ही शिवराज ने गौ-कैबिनेट बनाकर कमलनाथ के ‘गौशाला मिशन’ को लगभग हथिया लिया है..
अब देखना यह होगा कि आने वाले समय में क्या वाकई को कैबिनेट से गायों को लाभ मिलेगा और गायों से जरूरतमंद लोगों को लाभ उपलब्ध कराया जाएगा या फिर सरकार टैक्स वसूली कर सरकारी धन भरेगी..??