मध्य प्रदेश : विधायक प्रह्लाद लोधी के मामले पर हाई कोर्ट से राहत मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट लड़ाई लड़ेगी सरकार

विधायक प्रह्लाद लोधी के मामले में राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी करेगी दाखिल

मध्यप्रदेश विधानसभा से अपनी सदस्यता गंवाने वाले पवई से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी को जबलपुर हाईकोर्ट से कुछ हद तक राहत मिली है | इसकी वजह यह है कि प्रह्लाद लोधी की दो साल की सज़ा पर जबलपुर हाई कोर्ट द्वारा 7 जनवरी तक रोक लगा दी गई है | इसके तहत, प्रहलाद लोधी सहित 12 लोगों पर आरोप लगाया गया था कि उन्होंने रेत खनन के खिलाफ कार्रवाई करने वाले रैपुरा तहसीलदार को बीच सड़क पर रोककर मारपीट की थी |

बता दें कि अदालत से 2 साल की सज़ा, और विधानसभा से सदस्यता गंवाने के बाद पवई से भाजपा विधायक प्रहलाद लोधी द्वारा सोमवार को हाईकोर्ट में अपील की गई थी | वहीं, मध्यप्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी द्वारा केंद्रीय चुनाव आयोग को लोधी की सदस्यता निरस्त करने की सूचना भेज दी गई थी | लेकिन, फैसला आने के बाद मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव का कहना है कि हम हाईकोर्ट के आदेश का अनुपालन करेंगे, लेकिन अभी हमने आदेश देखा नहीं है, उसकी जांच करने के बाद ही हम आगे की कार्रवाई करेंगे |

इस मामले को लेकर कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील विवेक तन्खा का कहना है कि सज़ा पर स्थगन बहुत ही दुर्लभतम मामलों में होती है | लेकिन, राज्य सरकार द्वारा फैसला किया गया है कि वो सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दाखिल करेंगे जिसमें ये परिभाषित किया जाएगा कि ये दुर्लभतम मामलों में आता है या नहीं जो सुप्रीम कोर्ट कहेगा वो सब पर सर्वमान्य होगा | इसके अलावा, मामले को लेकर स्पीकर एनपी प्रजापति का कहना है कि मैंने जो कार्रवाई की थी सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के आधार पर की थी, सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं, अंतिम फैसला सुप्रीम कोर्ट का ही होगा | 
   

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