चंद्रयान-3 को मिल गई मंज़ूरी, इस बार संपर्क नहीं टूटने देंगे -ISRO

नई दिल्ली से गरिमा श्रीवास्तव की रिपोर्ट :- “हम होंगे कामयाब” एक दिन,  ये बुलंद इरादे भारत देश के हैं।
इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन (ISRO) के प्रमुख के.सिवन ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सम्पूर्ण देश को यह जानकारी दी कि सरकार ने चंद्रयान -3 परियोजना की मंजूरी दे दी है। जिसकी परियोजना पर कार्य शुरू हो गया है। के. सिवन ने यह भी बताया की चंद्रयान-3 को 2021 में लांच किया जायेगा।

इसरो प्रमुख ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि ” हमने चंद्रयान -2 पर अच्छी उपलब्धि हासिल की है। हांलाकि लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग कराने में हम असमर्थ रहे। पर ऑर्बिटर अभी भी निरंतर रूप से काम कर रहा है, और महत्वपूर्ण सूचनाएं साझा करने में सक्षम है।
केंद्रीय मंत्री जीतेन्द्र सिंह ने मंगलवार को कहा कि “कि भारत 2021 में चंद्रयान-3 को लॉन्च करेगा. उन्होंने कहा कि इस अभियान पर चंद्रयान-2 से भी कम लागत आएगी।

भारत देश ने अंतरिक्ष में अपना कदम जमा लिया है , स्पेस की रेस में दुनिया से होड़ लेने के काबिल बन चुका है भारत देश।

 

 

धरती से 3 लाख 84 हजार 400 किलोमीटर दूर चमकते चांद को छूने का सपना, चांद की जमीन पर उतरने का मकसद और अपने बलबूते इस मकसद को हासिल करने की लगन. पिछले 11 सालों से इसरो के वैज्ञानिक दिन रात इसी सपने को हकीकत में बदलने की कोशिश में जुटे थे।

और चंद्रयान के सफल प्रयास ने उनके सपने को पूरा कर दिखाया। हांलाकि सॉफ्ट लैंडिंग न हो पाने की वजह से सम्पूर्ण देश दुःख में था ,पर इसके अलावा चंद्रयान -2 का ऑर्बिटर बेहतरीन तरीके से कार्य कर रहा है। और अगले 7 वर्षों तक ऑर्बिटर ISRO को विज्ञान सम्बन्धी डाटा उपलब्ध कराएगा।  वैज्ञानिकों ने न जाने कितनी रातें कुर्बान कर दीं चंद्रयान -2 का मिशन भले ही सम्पूर्ण कामयाब नहीं हो सका लेकिन इरादे कमजोर नहीं हुए हैं. देश आज अपने वैज्ञानिकों को सलाम कर रहा है।

 

इसरो प्रमुख ने बताया कि चंद्रयान -3 में ख़ास फीचर्स मौजूद होंगे  चंद्रयान-3 एकदम चंद्रयान-2 जैसा होगा। लेकिन इसबार सिर्फ लैंडर-रोवर और प्रोपल्शन मॉडल होगा।  इसमें ऑर्बिटर नहीं भेजेंगे, क्योंकि चंद्रयान-2 के ऑर्बिटर से इसमें मदद ली जाएगी।

आपको बता दें कि बीते दिनों ही इसरो प्रमुख के. सिवन ने कहा कि चंद्रयान-3 के साथ चंद्रमा पर फतह हासिल भारत देश अवश्य करेगा। सॉफ्ट लैंडिंग न होने से वैज्ञानिक हार नहीं माने हैं और न ही मानेंगे। प्रयास जारी है और सफलता ज़रूर मिलेगी।
भारत देश की जनता उस दिन का इंतज़ार कर रही जिस दिन चंद्रयान -3 को सफलता मिलेगी और भारत देश का झंडा चाँद की सतह  पर फतह हासिल कर लहराएगा।

 

 

 

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