CAA :कोई राज्य सहयोग देगा तो भी इसे लागू करेंगे और नहीं देगा तो भी इसे लागू करेंगे – कैलाश विजयवर्गीय
पश्चिम बंगाल : बीते साल 11 दिसंबर को असम में सीएए के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था। वहां एक वर्ष पूरा होने पर शुक्रवार को कई छात्र संगठनों और अन्य संगठनों ने प्रदर्शन किया। इन सभी संगठनों ने सीएए के खिलाफ असम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में विरोध प्रदर्शन शुरू कर इसे निरस्त करने की मांग फिर उठाई। क्षेत्र के छात्र संगठनों ने मोदी सरकार को चेतावनी दी कि इस क़ानून के खिलाफ पूरा पूर्वोत्तर एकजुट है और इन राज्यों में सीएए लागू करने के किसी भी प्रयास का कड़ा विरोध किया जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने सीएए के खिलाफ काले झंडे दिखाए और नारेबाजी करते हुए इसे निरस्त करने की मांग की।
सीएए की पहली वर्षगांठ को नेसो द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र में 'ब्लैक डे' के रूप में मनाया गया।
इसी बीच भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय का सीएए को लेकर बड़ा बयान सामने आया। उन्होंने कहा कि देश में सीएए लागू करने के लिए राज्य की मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं है, इसके लिए केंद्र सरकार स्वयं सक्षम हैं। अगर कोई राज्य सहयोग देगा तो भी इसे लागू करेंगे और नहीं देगा तो भी इसे लागू करेंगे।
बता दे कि इस से पहले कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा बांग्लादेश और पाकिस्तान के शरणार्थियों को जनवरी 2021 से नागरिकता देना शुरू करने की संभावना हैं। सीएए में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आ गए हिंदू, सिख, बौद्ध, ईसाई, जैन और पारसी शरणार्थियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान हैं। संशोधित नागरिकता कानून अगले साल जनवरी से लागू हो सकता हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा था कि केंद्र सरकार ने सीएए को ईमानदार नीयत से पड़ोसी देशों से हमारे देश आए उत्पीड़ित शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए पारित किया था।