भोपाल/आयुषी जैन: बुंदेली लोकगीत के मशहूर गायक देशराज पटेरिया का शनिवार की सुबह दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया । वे छतरपुर के मिशन अस्पताल में भर्ती थे ।पटेरिया का अंतिम संस्कार भैंसासुर मुक्तिधाम में किया जाएगा । 67 साल के देशराज मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के साप तिटानी गांव के निवासी थे । उनके गाए लोकगीत बुंदेलखंड में विशेष रूप से प्रचलित थे घर घर उनके गीत सुने और गाये जाते थे, खासकर आल्हा और हरदौल की वीरता के लोकगीत बेहद लोकप्रिय हुए थे। सीएम शिवराज ने पटेरिया के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा “देशराज पटेरिया के रूप में आज हमने संगीत जगत का एक सितारा खो दिया”।
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पटेरिया के निधन को कला को क्षेत्र को अपूर्णीय छति बताया है ।
बता दें कि पटेरिया के गीत देश के साथ साथ विदेशो में भी काफी प्रचलित थे । पटेरिया को आकाशवाणी से बड़ी पहचान मिली थी । उन्होंने 1972 में लोकगीत गाना शुरू किया लेकिन असली पहचान उन्हें वर्ष 1976 में मिली जब उन्होंने छतरपुर आकाशवाणी में गीत गाना शुरू किया तभी से उनके गाये लोकगीत बुंदेलखंड समेत पूरे देश में प्रचलित होने लगे और और उनकी आवाज़ को अलग पहचान मिली । उनके निधन से छतरपुर समेत पूरे प्रदेश और देश में शोक की लहर दौड़ गयी ।