मध्यप्रदेश /इंदौर (Indore)-: लॉकडाउन (Lockdown) की परेशानियों के बीच एक जगह से दूसरे जगह तक जाने के लिए ई-पास(E -pas) जारी करने की सुविधा सरकार(Government) ने दी है, लेकिन यह सुविधा दलालों ने 'हैक' कर ली है। हजारों आवेदन रुके पड़े हैं। उधर, इस अव्यवस्था पर जिन अफसरों को कार्रवाई करना है, उनकी मुस्तैदी का 'सर्वर' डाउन है। आवेदक परेशान हैं और प्रशासनिक मशीनरी सिर्फ बहानेबाजी कर रही है। प्रदेश में ई-पास की अव्यवस्थाओं पर आप को ग्राउंड रिपोर्ट में ले चलते है
छह हजार आवेदन लंबित
ग्वालियर((Gwalior) में छह हजार आवेदन रुके पड़े हैं। जिला प्रसाशन के अनुसार, सर्वर डाउन है, लेकिन यह हम सब की पीड़ा है कि अगर सर्वर डाउन है, तो रोज कुछ संख्या में पास कैसे बन रहे हैं। सोमवार को 150, रविवार को 200 और शनिवार को 62 ई-पास बने। लंबित आवेदनों अब पुनः अप्लाई करने वाले हैं। ई-पास के लिए अभी तक ग्वालियर में 15 हजार से ज्यादा एंट्री हो गई है। पास बनवाने को लेकर दलाल सक्रिय हैं। ई-पास के लिए दलाल 5 से 10 हजार रुपये कमीशन मांग रहे हैं। मामला सामने आने के बाद भी प्रशासन ने अब तक कोई कार्रवाई नहीं की है।
दो सर्वर ने बढ़ा दी परेशानी
जबलपुर में भी सर्वर की खराबी लोगों के लिए परेशानी बनी हुई है। इसके कारण तकनीकी ही है। जिसे अभी तक सही नहीं किया जा सका। जिस दिन आवेदन किया जाता है, जरूरी नहीं कि उसी दिन पास भी मिल जाए। क्योंकि आवेदन करने वाला पोर्टल एक सर्वर पर काम करता है और आवेदन की परमिशन देने के लिए दूसरे सर्वर का इस्तेमाल होता है। यह दोनों सर्वर एक ही लिंक से जुड़े हैं। दो सर्वर होने से लोग परेशान हो रहे हैं। इंदौर में प्रशासन 10 दिन में 30 हजार से ज्यादा ई-पास जारी कर चुका है और सात हजार आवेदन लंबित हैं।
आइसीसी केशरी, अपर मुख्य सचिव एवं प्रभारी स्टेट कंट्रोल रूम