Breaking : MP में शिवराज मंत्रिमंडल का जल्द होगा विस्तार इन दिग्गजों को मिलेगा मंत्री पद
Breaking : MP में शिवराज मंत्रिमंडल का जल्द होगा विस्तार इन दिग्गजों को मिलेगा मंत्री पद
- महाकौशल से अजय विश्नोई पार्टी की पहली पसंद और संजय पाठक का मंत्री बनना लगभग तय
- रीवा संभाग से पूर्व मंत्री राजेंद्र शुक्ला को फ़िर मिलेगा मंत्री पद
- प्रदेश के भोपाल , जबलपुर और रीवा संभाग से एक दर्जन से ज्यादा बीजेपी के वरिष्ठ विधायको में तगड़ी ज़ोर आजमाइश शुरू हो चुकी है
- सूत्रों की माने तो कुछ विधायकों ने मंत्री पद के लिए दिल्ली में डाला है अपना डेरा
द लोकनीति डेस्क भोपाल
शशांक तिवारी की विशेष पॉलिटिकल रिपोर्ट
राजनीति में कहा जाता है जितना ख़तरा अपने दुश्मनों से नहीं होता उससे ज़्यादा ख़तरा आपको अपने करीबियों से होता है । क्योंकि यहां सब अपनी पॉवर और सत्ता के नशे को बढ़ाने में लगे हुए है। जिसके पास जितनी पॉवर होगी वो उतना ही राजनीति में अपनी सीढ़ियां बना लेता है, और पॉलिटिकल एक्सपर्ट की माने तो मध्यप्रदेश में अब उपचुनाव के नतीजे तो बीजेपी के पक्ष में आए है लेकिन अब बड़ा पेंच , शिवराज मंत्रिमंडल के नए मंत्रियों के गठन को लेकर फंस सकता है।
ताज़ा जानकारी में शिवराज सरकार शीघ्र ही मंत्रीमंडल का विस्तार करने वाली है और नए सिरे से विभागों का बंटवारा करने जा रही है. इसको लेकर राजनीतिक गलियारों में सुगबुगाहट शुरू हो चली है। मंत्रिमंडल में स्थान पाने के लिए प्रतीक्षारत भाजपा के वरिष्ठ विधायकों की किस्मत का ताला अब जल्द ही खुलने वाला है।
विधानसभा में विधायकों को संख्या के आधार पर देखा जाए तो मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री सहित मंत्रियों की संख्या 35 रखी जा सकती है. उपचुनाव की घोषणा के पहले शिवराज कैबिनेट में 32 मंत्री शामिल थे, इस प्रकार 2 स्थान खाली रखे गए थे, हालंकि बाद में 6 महीने की मंत्रियों के इस्तीफे के बाद मंत्रियों की संख्या 30 रह गई थी.
चुनाव के नतीजे के बाद अब शिवराज की अग्नि परीक्षा भी शुरू हो गई…
उपचुनाव के बाद मंत्रीमंडल का विस्तार मुख्यमंत्री शिवराज के लिए- बड़ी अग्नि परीक्षा से कम नहीं माना जा सकता ,बरहाल भाजपा संगठन का फ़ायदा शिवराज को यहां मिल सकता है।CM शिवराज को अपने पुराने सहयोगियों को सम्मानजनक पद दिलाने की चुनौती भी है तो राजनैतिक समीकरण को भी साधने की जरूरत है । इममें संगठन का साथ समन्वय बनाए रखने के लिए भी ज़रूरी है ।
संघ की पसद और नापसंद का भी ख्याल रखना ज़रूरी है , इसी बीच चुनाव हार चुके सिंधिया समर्थक तीन मंत्रियों के स्थान पर उनके ही कुनबे से मंत्री बनाने का दबाव भी ,शिवराज को झेलना पड़ सकता है ।
ऐसी स्थिति में फ़िर एक बार बीजेपी के वरिष्ठ और दिग्गज़ विधायकों का पत्ता कटने के आसार बन सकते है,और दिग्गज़ विधायकों को मंत्रिमंडल लिस्ट से हटाया जा सकता है। बीजेपी को इस परिस्थिति में अपने रूठने वाले विधायकों को पहले से न्यूट्रल करना होगा।
हालंकि भाजपा संगठन ऐसी सूझबूझ के लिए ही जाना जाता है यही कारण है कि बीजेपी में बगावत बड़ी मुश्किल से दिखाई देती है।
इसी बीच विधानसभा के शीतकालीन सत्र 28 से 30 दिसंबर को सुनिश्चित कर लिया गया है जिसमें विधानसभा अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का चुनाव भी होने वाला है समझा यह भी जा रहा है कि विधानसभा सत्र से पहले ही मंत्रिमंडल का विस्तार कर लिया जा सकता है और किसी कारण से विस्तार में स्थान नहीं पाने वाले वरिष्ठ विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष उपाध्यक्ष बनने का मौका दिया जा सकता है ऐसे में समझा जा रहा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है इस बीच भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय द्वारा किसी एक समर्थक को स्थान देने का दबाव भी बढ़ने लगा है वही महाकौशल से अजय विश्नोई को पुनः मंत्रिमंडल में स्थान देने के लिए भी लगातार दिल्ली से सिफारिशें आ रही हैं।
प्रदेश के भोपाल जबलपुर और रीवा संभाग से 1 दर्जन से भी ज्यादा बीजेपी के वरिष्ठ विधायकों में जोर आजमाइश शुरू हो चली है इनमें अधिकांश चेहरे वही हैं जो शिवराज मंत्रिमंडल के सदस्य रह चुके हैं और किन्ही कारण वर्ष उन्हें इस बार मौका नहीं मिल पाया था जिसमें रायसेन जिले के पूर्व मंत्री रामपाल सिंह का नाम सबसे ऊपर बताया जा रहा है सांची के प्रभारी रहते हुए उनके प्रयासों से ही भाजपा प्रत्याशी डॉक्टर प्रभु राम चौधरी सर्वाधिक मतों से चुनाव जीते हैं जिनका लाभ उन्हें मिल सकता है वैसे भी वह शिवराज के प्रत्येक कार्यकाल में उनके कैबिनेट में बारिश सहयोगी के रूप में स्थापित रहे हैं ।
इसी तरह यदि होशंगाबाद के डॉ सीताशरण शर्मा की बात करें तो उन्हें किन कारणों से विधानसभा अध्यक्ष नहीं बनाया जाता तो उनकी वरिष्ठता को देखते हुए उन्हें मंत्रिमंडल में स्थान दिया जा सकता है जबलपुर संभाग से अजय विश्नोई और संजय पाठक में से किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है। रीवा संभाग में एक अनार सौ बीमार की स्थिति लगभग बनी हुई है यहां से मौजूदा मंत्रिमंडल में एकमात्र रामखेलावन पटेल को स्थान मिल पाया है प्रतीक्षारत वरिष्ठ भाजपा विधायकों में राजेंद्र शुक्ला,केदारनाथ शुक्ल ,नागेंद्र सिंह, और गिरीश गौतम में से कम से कम दो की संभावना बनने वाली है।