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लापरवाही से हुई कोरोना संक्रमित की मौत पर सख्त हुए शिवराज,भोपाल कलेक्टर ने भी अस्पताल से मांगा जवाब

कोरोना संक्रमित की मौत पर सख्त शिवराज, कलेक्टर भोपाल ने भी मांगा अस्पताल से जवाब

भोपाल :- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक बहुत ही अमानवीय कृत्य सामने आया है जिसमें की कोरोना मरीज को चिरायु की एंबुलेंस ने अस्पताल के बाहर छोड़ दिया था. आपको बता दें कि चिरायु अस्पताल राजधानी भोपाल का मुख्य Covid-19 सेंटर है. कोरोना मरीज के इलाज में लापरवाही पर सीएम ने अपनी सख्ती दिखाई है पूरा मामला है मरीज को अस्पताल के बाहर छोड़ने का और इस पर एक्शन लेते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए है।
आपको बता दें कि यह पूरा मामला कल दिनांक 6 जुलाई  का  है.जिसमें की कोरोना वायरस के पॉजिटिव मरीज को इलाज ना मिलने की वजह से उसकी मौत हो गई. प्रथम दृष्टि तो यह मामला लापरवाही का लगता है किंतु यह समझ में नहीं आता कि आखिर लापरवाही किसने की इस मामले में जो खबर सामने आ रही है उसके अंतर्गत यही है कि उक्त मरीज पहले राजधानी के पीपुल्स हॉस्पिटल में भर्ती था जिसका डायलिसिस का इलाज चल रहा था वृद्ध को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से उसकी रविवार को कोरोना टेस्ट की जांच भी की गई थी जिसकी रिपोर्ट कल सोमवार को पॉजिटिव आई थी. इसके बाद ही पीपुल्स अस्पताल ने चिरायु अस्पताल से संपर्क साधा और उक्त मरीज को अपने यहां भर्ती करवाने के लिए कहा लेकिन आखिर ऐसा क्या हुआ चिरायु हॉस्पिटल की एंबुलेंस के ड्राइवर ने उसे ले जाने के कुछ देर बाद ही वापस पीपुल्स हॉस्पिटल ले जाकर छोड़ दिया किंतु तब तक वृद्ध की मौत हो चुकी थी।

पीपुल्स अस्पताल प्रबंधन का इस मामले में यह कहना है कि हमने मरीज को चिरायु की एंबुलेंस में भेज दिया था किंतु इसके कुछ देर बाद ही चिरायु की एंबुलेंस उस मरीज को लेकर आई और हमारे स्ट्रेचर को जबरदस्ती पकड़ कर उस मरीज को उस पर लिटाने लगे हमने हमारे कर्मचारियों को पीपीपी किट पहनाकर वृद्ध की जांच करने के लिए जब भेजा किंतु तब तक उनकी मौत हो चुकी थी।

वहीं इस मामले में चिरायु प्रबंधन का यह कहना है कि पीपुल्स अस्पताल प्रबंधन जबरन में मामले को तूल दे रहा है।

इस बारे में भोपाल कलेक्टर ने पीपुल्स अस्पताल प्रबंधन से जवाब मांगा है साथ ही साथ कहा है कि जब वृद्ध को अस्पताल में शिफ्ट किया गया था उस दौरान उनकी कोरोना जांच को लेकर क्या प्रयास अस्पताल द्वारा किए गए।

अब देखना यह है कि प्रशासन और सरकार की सख्ती के बाद क्या रिपोर्ट खुलकर सामने आती है और क्या वाकई में जो कयास लगाया जा रहा है कि लापरवाही की वजह से वृद्ध की जान गई यह देखना बेहद दिलचस्प होगा क्योंकि सरकारें यही दावा कर रही है कि वह अपने राज में कोरोना से लड़ने को प्रतिबद्ध है।

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