भोपाल से खाईद जौहर की रिपोर्ट – मध्यप्रदेश में शिवराज मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर अंतिम समय में पेंच फंस गए हैं। मंगलवार सुबह सीएम शिवराज महामंथन कर तीसरे दिन खाली हाथ वापस भोपाल लौट आए हैं।
सीएम शिवराज के भोपाल आने के बाद हलचल और बढ़ गई हैं। खबरों की मानें तो अब विस्तार 1 जुलाई को हो सकता हैं। लेकिन उस से पहले बीजेपी के वरिष्ठ विधायकों में नाराज़गी का दौर उठ गया हैं।
दरअसल, एक तरफ जहां सिंधिया नौ समर्थकों का मंत्रिमंडल में शामिल होना तय माना जा रहा हैं। वहीं, दूसरी तरफ पिछली सरकार में मंत्री रहे और वरिष्ठ विधायकों को नजरअंदाज कर कई युवा भाजपा विधायकों को मौका दिए जाने के संकते मिल रहे हैं।इसके अलावा सूत्रों की मानें मुख्यमंत्री शिवराज अपने चहेतों को मंत्रिमंडल में शामिल करना चाहते हैं।
इन सबके बीच पूर्व नेता प्रतिपक्ष और आठ बार के विधायक रहे गोपाल भार्गव का बड़ा बयान सामने आया हैं। युवाओं को मंत्रीमंडल में शामिल करने पर गोपाल भार्गव ने नाराजगी जताई हैं।
एक निजी चैनल से चर्चा के दौरान भार्गव ने कहा कि भाजपा भी वही गलती कर रही है जो कांग्रेस ने की थी। पार्टी को वरिष्ठ नेताओं का सहयोग लेना चाहिए, केन्द्र के फॉर्मूले को प्रदेश में लागू नही करना चाहिए। भागर्व और कई बीजेपी विधायकों के तेवर देख कहा जा सकता है कि मंत्रिमंडल में जगह ना मिलने के कारण अपनों के बगावती तेवर देखने को मिल सकते हैं।
वही पार्टी द्वारा भार्गव की नाराजगी को देखते हुए विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने की भी चर्चा हैं। हालांकि अंतिम फैसला हाईकमान को लेना हैं। बरहाल गोपाल भार्गव के इस बयान ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है, वहीं बीजेपी में भी खलबली की खबर हैं।