बीजेपी के दबाव में गवर्नर ने की है राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश :- शिवसेना   

राज्यपाल के केंद्रीय कैबिनेट को दिए राष्ट्रपति शासन की सिफारिश पर मुहर लग जाने के बाद विरोध में शिवसेना सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है शिवसेना द्वारा इस फैसले पर एक गंभीर आरोप लगाया जा रहा है कि महाराष्ट्र मैं राष्ट्रपति शासन लगाने का आदेश बीजेपी के दबाव में गवर्नर ने लिया है। 

पहले जब शिवसेना ने  राज्यपाल से सरकार बनाने के लिए दो दिन का और वक्त मांगा था, तो उसे सरकार द्वारा  अस्वीकार कर दिया गया था , इसी आधार पर राज्यपाल ने एनसीपी की मांग को अस्वीकार करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की केंद्र सरकार को सिफ़ारिश कर दी। 

इसके साथ ही साथ शिव सेना ने राज्यपाल पर यह भी आरोप लगाया है की शिवसेना को गवर्नर द्वारा सिर्फ एक दिन का ही वक़्त दिया गया जबकि बीजेपी को दो  दिन का समय दिया गया था । 

आपको बता दें कि संविधान के अनुच्छेद 356 की रिपोर्ट के अनुसार राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश केंद्रीय कैबिनेट के समक्ष की थी जिस पर की केंद्रीय कैबिनेट ने राज्यपाल की सिफारिश को मंजूरी दे दी अब इस पर फैसला देश के राष्ट्रपति को लेना है। 

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