भाजपा ने अपने ही पैर में मारी कुल्हाड़ी, कहा "दिल्ली जीते तो बंद होंगी सारी सब्सिडी"
जैसे ही महाराष्ट्र और हरियाणा के चुनाव ख़त्म होते हैं, सब की नज़रें दिल्ली के रोमांचक चुनावी दंगल पर टिकने वाली हैं। जहाँ एक तरफ़ 20 साल से सत्ता से बाहर रही भाजपा इस बार किसी चमत्कार की उम्मीद में है और 2013 से दिल्ली की राजनीति के मुख्य किरदार रहे केजरीवाल फिर से दिल्ली जीत कर अपने काम पर जनता की मोहर लगने की उम्मीद में हैं।
हालाँकि अभी तक के चुनावी पंडितों के आंकलन की मानें तो केजरीवाल के कामों से जहाँ जनता संतुष्ट नज़र आ रही है, केजरीवाल की बदली रणनीति भी उनके फ़ायदे में जाती दिख रही है। पिछले कुछ महीनों में केजरीवाल ने लड़ने वाले मुख्यमंत्री की छवि से दूरी बना ली है और एक साकारात्मक ऐड्मिनिस्ट्रेटर की छवि में ढाला है। जहाँ बदले समीकरण केजरीवाल के पक्ष में दिख रहे थे, भाजपा को केजरीवाल का विरोध करने के लिए मज़बूत मुद्दे हाथ आते नहीं दिख रहे थे। ऊपर से भाजपा की भीतरी कलह से पार्टी का ऊभर पाना भी मुश्किल लग रहा था, ऐसे में भाजपा ने हाल ही में अपने पैर पर एक और कुल्हारी मार ली है।
दरअसल इंडियन एक्सप्रेस को राज्य सभा सांसद और दिल्ली भाजपा के बड़े नेता विजय गोयल ने एक इंटर्व्यू में यह एलान कर डाला की अगर भाजपा सत्ता में आती है तो केजरीवाल की दी हुई, बिजली-पानी के साथ बाक़ी की सब्सिडी भी बंद कर देगी। अब ज़ाहिर है केजरीवाल के जिन कामों से जनता सबसे ज़्यादा ख़ुश नज़र आ रही है उन्हीं को बंद करने का एलान करने से भाजपा ने अपने ही पैरों पर कुल्हारी मारने के साथ साथ केजरीवाल को एक तोहफ़ा दे दिया है।
राजनीतिक विज्ञानियों का मानना है की केजरीवाल अगर भाजपा के जैसी ग़लतियाँ करने से बचे रहे तो दिल्ली की कुर्सी उनसे ज़्यादा दूर नज़र नहीं आती। लेकिन चुनाव परिणाम 2015 के जैसा आएगा या नहीं, ये कहना अभी जल्दबाज़ी होगा।