
*भोपाल में एक शातिर ठग गिरोह का पर्दाफाश
*सरकारी नौकरी का झांसा देकर करते थे ठगी
भोपाल. बेरोजगारी की इस दौर में जब कोई सरकारी नौकरी दिलाने का वादा करे तो कोई भी ठगा जा सकता है|मध्यप्रदेश की एसटीएफ को उस समय बड़ी सफलता हाथ लगी जब लोगो से ठगी करने वाला एक गिरोह उनके हाथ लगा| यह गिरोह भोपाल और उसके आस पास के इलाकों में सक्रिय था|यह गिरोह इसी बात का फायदा उठाकर मासूम लोगों से नौकरी दिलाने का झांसा देकर ठगी करता था |यह गिरोह अब तक कई लोगों को अपने जाल में फंसा चूका है|
नियुक्ति, ट्रैनिंग सब मिलता था
पुलिस के अनुसार यह ठग इतने शातिर थे की ठगी करने के बाद लोगों को एफसीआई जैसे बड़े संस्थानों के फ़र्ज़ी नियुक्ति पत्र भी मुहैया करवाया जाता था|बाकायदा लोगों की ट्रेनिंग भी करवा दी जाती थी| फ़िलहाल पुलिस इनकी अधिकारीयों के कनेक्शन की भी जांच कर रही है|यह गिरोह करीब एक साल से लोगों को ठग रहा था| तीस से ज्यादा ठगी करने वाला यह गिरोह इसलिए भी बचा रह गया क्यूंकि लोग बदनामी के डर से इसकी शिकायत नहीं करते थे|
3 लाख रुपए में सरकारी नौकरी
गिरोह दिलाने बेरोजगारों से दो से तीन लाख रुपए लेकर नौकरी दिलाने का वादा करते थे|खुद रेलवे अधिकारी बनकर झांसे में आए लोगों का रेलवे अस्पताल में मेडीकल परीक्षण भी कराते थे|उनकी ट्रेनिंग की व्यवस्था की जाती थी|फर्जी नियुक्ति पत्र दिए जाते थे|लोगों को ठगी का पता तब चलता जब कई दिनों तक उनके पास कोई सुचना नहीं आती|
अधिकारियों से भी हो सकते हैं सम्बन्ध
एसटीएफ एसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि गिरोह का सरगना विक्रम बाथम पहले रेलवे अधिकारियों और कर्मचारियों के बच्चों को बास्केटबॉल की ट्रेनिंग देता था| उसी दौरान उसकी रेलवे के कई अधिकारियों और कर्मचारियों से अच्छी जान पहचान हो गई थी| एसटीएफ को शक हे कि आरोपी विक्रम बाथम के साथ रेलवे के दूसरे सरकारी विभागों के अधिकारी भी संपर्क में हो सकते हैं|