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भोपाल: कोरोना वायरस के बीच मौसमी बीमारी का अटैक, सबसे ज्यादा बच्चो पर असर 

 

  • मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ी 
  • बच्चों पर मौसमी बीमारी का सबसे ज्यादा असर
  • हमीदिया अस्पताल में 7 दिन में 700 से ज्यादा बच्चे इलाज कराने पहुंचे

भोपाल/स्वाति वाणी:-
भोपाल में भले ही कोरोना के मरीज कम हो गए हैं, लेकिन मौसम में लगातार हो रहे बदलाव के चलते अब मौसमी बीमारी के मरीजों की संख्या एकाएक बढ़ गई है। इसके कारण शहर के सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में इलाज कराने वाले मरीजों की भीड़ लग रही है। अस्पतालों की ओपीडी में पहुंचने वाला हर चौथा व्यक्ति इन दिनों सर्दी-जुकाम और बुखार से पीड़ित है। 

इस मौसमी बीमारियों का सबसे ज्यादा असर बच्चो पे हो रहा है। बच्चे वायरल के साथ निमोनिया, पीलिया ओर डायरिया से पीड़ित है। साथ ही उनमे डेंगू के लक्षण भी देखने को मिल रहे है। संभावित तीसरी लहर मे बच्चो के संक्रमित होने की आशंकाओं के बीच यह स्थिति चिंताजनक है। भोपाल के हमीदिया अस्पताल में  इस समय 140 बच्चे भर्ती है, इनमे से 40 बच्चे एसएनसीयू मे है। यहाँ हर दिन 100 से ज्यादा बच्चे इलाज कराने पहुंच रहे है मतलब बीते 7 दिन मे औसत 700 बच्चे पहुंचे। इसी तरह जेपी अस्पताल मे भी बच्चा वोर्ड पूरी तरह फुल हो चुका है।

डॉक्टर्स का कहना है की पिछले दो सप्ताह से शहर में वायरल इंफेक्शन के केसों में इजाफा हो गया है। मौसम में नमी के कारण संक्रमण तेजी से बढ़ता ही जा रहा है। इस मौसम में वायरस ज्यादा देर तक जिंदा रहता है। इस वजह से वायरल इंफेक्शन के केस बढ़ रहे हैं। लोगों को सलाह है कि खुद से घरों में इलाज न करें। डॉक्टर्स की सलाह के हिसाब से दवाएं लें। वायरल इंफेक्शन 3 से 7 दिन तक रह सकता है। इसमें मरीज को आराम करने की सलाह दी जाती है।

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