मध्यप्रदेश/भोपाल – भोपाल के भीम नगर निवासी 40 वर्षीय तख्त सिंह को परिजन सांस लेने में दिक्कत होने पर जयप्रकाश अस्पताल लेकर गए थे। जिसके बाद शनिवार दोपहर 12.30 बजे अस्पताल पहुंचने पर मरीज को डॉक्टरों ने भर्ती कर लिया था। दो घंटे बाद मरीज की मौत हो गई थी।
परिजनों ने डॉक्टरों पर आक्सीजन का मास्क हटाने से मौत का आरोप लगाया। वहीं, जेपी अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर योगेन्द्र श्रीवास्तव ने परिजनों के आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए कहा था कि उन्होंने मरीज को भर्ती किया था। दो घंटे तक वह खुद इमरजेंसी में मरीज को देखते रहे। उसका ऑक्सीजन सेचुरेशन 30 था। फिर भी हमने उसको बचाने के लिए पूरा प्रयास किया। मरीज की स्थिति को देखते हुए परिजनों को दूसरी जगह नहीं भेजने के बारे में भी बता दिया था। इस बीच दो घंटे बाद उसकी मौत हो गई थी।
वहीं, रविवार सुबह 10.30 बजे परिजनों ने शव सड़क पर रखकर आवाजाही बंद कर दी। परिजनों ने कोलार तिराहा पर लोगों ने शव रखकर सड़क जाम कर दी। सड़क को वाहनों और लड़की रखकर बंद कर दिया गया। दूसरी तरफ लॉकडाउन होने के बावजूद भीम नगर इलाके से बड़ी संख्या में लोग घरों के बाहर निकल कर सड़क किनारे खड़े हो गए। करीब 20 मिनट तक मौके पर सिर्फ एक पुलिस कर्मी ही पहुंचा था। काफी देर बाद कुछ और पुलिस कर्मी मौके पर आए। पुलिसकर्मी परिजनों को समझाने लगे। परिजनों ने उनकी एक बात भी सुनने से मना कर दिया।
परिजनों का कहना है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच हो। दोषी डॉक्टर के खिलाफ FIR दर्ज की जाए। तख्त सिंह के परिजनों को आर्थिक सहायता और सरकारी नौकरी दी जाए। बता दें कि इस मामले में एक डॉक्टर ने शनिवार को दुर्व्यवहार की बात कह कर इस्तीफा दे दिया था