भोपाल / विवेक पांडेय की विशेष रिपोर्ट :-
- प्रदेश के सबसे बड़े व अब तक के सबसे सनसनीखेज मामलें एवं हाईप्रोफाइल हनीट्रैप मामलें में आखिर किसे बचाना चाह रही है जांच एजेंसी ?
- और क्यों आरोप लग रहा है फंसाने और बचाने को लेकर ?
- हनीट्रैप में किसे फसाया जा रहा है और किसे बचाया जा रहा है ?
- और आखिर यह सब षड्यंत्र क्यों किया जा रहा है ?
- और अगर इसके पीछे षड्यंत्र नहीं है तो एक-एक कर नाम साफ क्यों नहीं आ रहे ?
आपको बता दें इस मामलें में अब सीआईडी की जांच पर भी सवाल उठना शुरू हो चुके हैं ,कि जो लोग यौन शोषण कर रहे हैं एवं जिन्होंने हनीट्रैप के अंतर्गत यह पूरा फरेब किया। इस पर उनके खिलाफ जांच क्यों नहीं हुई ? चालान में सिर्फ उनके घटनाक्रम के बारे में बताया गया , किंतु जांच नहीं हुई।
- इसमें सबसे पहले नाम आता है :- राजेश गंगेले का , चालान में बताया गया है कि पीड़िता ने अपने बयान में जैसा कि बताया की छतरपुर जिले के इस रसूखदार बिल्डर ने पहले उसे शारीरिक संबंध बनाने के लिए न केवल मजबूर किया बल्कि उसके इस कृत्य का वीडियो भी बना लिया गया।
- इसके बाद पीड़िता ने मनोज त्रिवेदी (वर्तमान में छतरपुर कांग्रेस के अध्यक्ष हैं) उन पर भी आरोप लगाया कि पीड़िता को ना केवल छतरपुर कांग्रेस के अध्यक्ष मनोज त्रिवेदी के फार्म हाउस भेजा गया बल्कि यहां पर उससे अवैध संबंध बनाकर उसका वीडियो भी बना लिया गया।
- वही एक अन्य चर्चित नाम हरभजन सिंह का भी है। जिन्होंने हनीट्रैप मामलें का पहली बार खुलासा और उन्हीं के एफआईआर के बाद ही पुलिस ने इस मामले में पहली बार एक्शन लिया था।इंदौर नगर निगम इंजीनियर हरभजन सिंह वायरल वीडियो में अश्लील वीडियो में हनी ट्रैप की आरती के साथ वह पीड़िता भी नजर आ रही है।
- साथ ही साथ आपको बता दें की इस पुरे मामलें में अरुण सहलोत का नाम भी सामने आया है। पीड़िता ने बताया की पीसी मीणा का वीडियो वायरल करने में अरुण सहलोत की भूमिका रही।
- इसके साथ ही साथ चालान में एक अन्य नाम रूपा अहिरवार का सामने आ रहा है। जिसकी भूमिका कारोबारी नरेश शीतलानी और एक अन्य कार शोरूम संचालक मनीष अग्रवाल को ब्लैकमेल करने के साथ ही साथ आईएएस पीसी मीणा से भी इसने 2000000 रुपए वसूले थे।
- इसके साथ ही साथ पीड़िता ने यह भी बताया उसके साथ दो मंत्रियों के ओएसडी ने भी उसके साथ दुष्कर्म किया था। जिनके नाम हरीश खरे ओएसडी खाद्य मंत्री प्रद्युमन सिंह तोमर और अरुण निगम निजी सचिव खनिज मंत्री प्रदीप जायसवाल, इन दोनों ने ही शराब पीकर जबरन पीड़िता के साथ यौन शोषण किया। साथ ही आपको बता दें कि इस यौन शोषण के आरोप के बाद भी सीआईडी ने उन्हें इस मामले में अभी तक अपराधी बनाना तो बहुत दूर की बात है बल्कि उनसे पूछताछ तक भी नहीं की है। ऐसे में यह बहुत ही बड़ा सवाल उठता है , कि क्या रसूखदार को बचाने के लिए यह पूरी जांच की जा रही है ?
लेकिन सवाल तो कमलनाथ सरकार पर उठना वाजिब और जायज भी है कि , क्यों सरकार सीआईडी और पुलिस इन रसूखदारों के ऊपर कोई भी कार्यवाही करने से बचती हुई नजर आ रही है। ऐसे में तो लोगों का इंसाफ न्याय और कानून और सरकार से विश्वास उठ जाएगा।