भोपाल : पूर्व मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा से की "चाय पर चर्चा", बंद कमरे में हुई ये बातचीत….
- मप्र में होने वाले उपचुनाव से पहले मेल मुलाकातों का दौर शुरू
- अब गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा से मिले पूर्व मंत्री डॉ.गोविंद सिंह
- बीते दिनों कांग्रेस नेता अजय सिंह ने भी की थी मुलाकात
भोपाल/खाईद जौहर : मंगलवार को मध्यप्रदेश की तीन विधानसभा सीट और एक लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग द्वारा तारीखों का ऐलान किया जा चुका है, जिसके तहत इन सीटों पर 30 अक्टूबर को मतदान और 2 नवंबर को मतगणना की जाएगी। उपचुनावों की तारीखों की घोषणा होने के बाद एक बार फिर से मेल मुलाकातों का सिलसिला शुरू हो गया है।
बता दे कि मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री डॉ.गोविंद सिंह प्रदेश के गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। जहां दोनों के बीच बंद कमरे में कुछ देर चर्चा हुई। बंद कमरे में हुई चर्चा के बाद इसके कई सियासी मायने निकाले जाने लगे। सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा ज़ोरो पर होने लगी की उपचुनावों की तारीखों की घोषणा के बाद ही पूर्व मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने ये मुलाकात क्यों की? क्या डॉ.गोविंद सिंह भी भाजपा में शामिल होने जा रहे हैं?
हालांकि, उपचुनाव की घोषणा के बाद हुई इस मुलाकात की अटकलों पर गोविंद सिंह ने यह कहकर विराम लगा दिया कि नरोत्तम मिश्रा से उनके पारिवारिक संबंध हैं और किसी को रिश्ते निभाने सीखने हो तो उनसे सीखें।
मुलाकात के बाद पूर्व मंत्री डॉ.गोविंद सिंह ने पत्रकारों से कहा कि वे अपने क्षेत्र की समस्याओं को लेकर मिलने आए थे। उनके क्षेत्र में अपराध बढ़ रहे हैं, लेकिन पुलिस थानों की संख्या काफी कम है। वहीं, कांग्रेस के नेताओं की भाजपा नेताओं से नजदीकी बढ़ने को लेकर डॉ.गोविंद सिंह ने भी कहा कि डॉ.नरोत्तम मिश्रा तो हरफनमौला हैं। उनके सभी दलों के नेताओं से पारिवारिक संबंध हैं। मेरे तो सभी पुराने साथी हैं और सभी से अच्छे संबंध हैं।
मालूम हो कि कुछ दिनों पहले ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और विधानसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह ने भी गृहमंत्री डॉ.नरोत्तम मिश्रा मुलाकात की थी।
इसके बाद नरोत्तम मिश्रा के अजय सिंह के आवास पर जन्मदिवस की शुभकामनाएं देने के लिए आने से यह अटकलें लगाई जाने लगी थी कि वे भाजपा में जा सकते हैं। जिसपर अजय सिंह ने स्थिति साफ करते हुए कहा था कि मैं कांग्रेसी था, हूं और रहूंगा। विचारधारा पर मतभेद भले हो लेकिन किसी से मनभेद नहीं है।