भोपाल: कांग्रेस की बढ़ेंगी मुश्किले, मप्र नगरीय निकाय चुनाव में एआईएमआईएस उतारेगी अपना प्रत्याशी, कांग्रेस में हलचल तेज
भोपाल/ राजकमल पांडे। ऐसा नही है कि इस बार का नगरीय निकाय चुनाव कांग्रेस और भाजपा के बीच में ही बस होगा, बल्कि अब की बार मप्र में एआईएमआईएस भी अपना प्रत्यासी मैदान में उतारने जा रही है. जिसका एलान स्वयं ओवैसी ने की है. मप्र की राजनीतिक चर्चा वैसे भी बढ़े स्तरों तक बहस का मुद्दा रहा है. फिर चाहे पार्टी बदलने का मामला हो या फिर घोटाला या महंगाई हो मध्यप्रदेश अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे अवल है. मध्य प्रदेश के नगरीय निकाय चुनाव में सांसद असदुद्दीन ओवैसी कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं। ओवैसी की पार्टी मध्य प्रदेश में मुस्लिम बाहुल्य जिलों की सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने की तैयारी में है। पार्टी ने मध्य प्रदेश में एंट्री से पहले सर्वे कराने का निर्णय लिया है। इसकी जिम्मेदारी ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम के वरिष्ठ पार्षद सैयद मिन्हाजुद्दीन को सौंपी गई है।
इसकी पुष्टि करते हुए प्रदेश इकाई के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. नईम अंसारी ने कहा कि पार्टी अगले स्थानीय निकाय चुनावों में संभावनाएं तलाश रही है। खासकर, मुस्लिम बाहुल्य इंदौर, भोपाल, उज्जैन, खंडवा, सागर, बुरहानपुर, खरगोन, रतलाम, जावरा, जबलपुर, बालाघाट और मंदसौर जिलों में प्रारंभिक तौर पर सर्वे के लिए जल्दी ही पार्टी मुख्यालय हैदराबाद से पदाधिकारी आएंगे। यदि रिपोर्ट पार्टी के पक्ष में रही, तो उम्मीदवारों को मैदान में उतारा जाएगा। हालांकि इस पर अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी करेंगे। यदि ओवैसी की पार्टी मप्र में चुनाव मैदान में उतरती है, तो नुकसान कांग्रेस और फायदा बीजेपी को होगा।
मप्र में अब तक हुए निकाय चुनावों में कांग्रेस और बीजेपी ही एक-दूसरे के प्रतिद्वंदी रहे हैं, जबकि बीएसपी, सपा के अलावा अन्य कई राजनीतिक दल स्थानीय निकाय चुनाव में अपना भविष्य तलाश चुके हैं। बता दें कि ओवैसी के अलावा आम आदमी पार्टी की निगाहें ही मध्य प्रदेश की तरफ हैं।