मध्यप्रदेश/भोपाल – जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार के सामने पांच सूत्रीय मांगें रखी थीं और यह आरोप लगाया था कि इनमें से कुछ मांगें तो ऐसी हैं जिनका वायदा खुद मुख्यमंत्री शिवराज की ओर से किया गया था। उन्हें एक साल बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं किया गया हैं।
इसी बीच एक बार फिर इन जूनियर डॉक्टर्स ने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा है इस बार अगर उनकी मांगों पर लिखित आदेश जारी नहीं हुए तो फिर 6 मई से वो इमरजेंसी सेवाएं रोक देंगे। इतना ही नहीं 7 तारीख से कोविड मरीजों के इलाज से भी जूनियर डॉक्टर्स ने इनकार कर दिया हैं।
मालूम हो कि खुद चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग जूनियर डॉक्टर्स से मिलने हमीदिया हॉस्पिटल गए थे। और उन्हें ये भरोसा दिया था कि सरकार जल्द उनकी मांगों पर फैसला लेगी। करीब महीने भर तक मांगें पूरी नहीं होने पर जूनियर डॉक्टर्स एक बार फिर हड़ताल की चेतावनी दे रहे हैं।
ये है इन जूनियर डॉक्टर्स की मांग
- सरकार की ओर से 6% सालाना मानदेय बढ़ाने का वायदा पूरा किया जाए।
- जूनियर डॉक्टरों के इलाज की बेहतर व्यवस्था की जाए।
- कोरोना के दौरान प्रति महीने 10 हज़ार रुपये मानदेय देने का वायदा पूरा किया जाए।
- जूनियर डॉक्टर्स को ग्रामीण सेवा के बंधन से मुक्त किया जाए।
- कोरोना काल में सेवा के लिए प्रशस्ति पत्र दिया जाए जिसका फायदा सरकारी भर्तियों में मिले।