भोपाल / ख़्याली पुलाव पकाना पड़ा महंगा, बनना चाहते थे वाईस चांसलर, पर जाएंगे सलाखों के पीछे

भोपाल / गरिमा श्रीवास्तव :- ये लीजिए ! लालच ने सीधा अमित शाह बनने पर मज़बूर कर दिया। मध्य प्रदेश के पढ़े लिखे  शख़्स को लालच ने इस प्रकार घेर लिया कि वह अपने वाईस चांसलर बनने के सपने को साकार करने के लिए इतना बड़ा अपराध कर बैठा।

डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया के मप्र सदस्य डॉ. चंद्रेश शुक्ला ने एयरफोर्स के विंग कमांडर कुलदीप वाघेला (पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के एडीसी) से मप्र के राज्यपाल को फर्जी कराया और अपने वाईस चांसलर के लिए सिफारिश की।
 फ़र्ज़ी कॉल में डा. राजेंद्र शुक्ल अमित शाह के पीए बने और एयरफोर्स को विंग कमांडर कुलदीप वाघेला को देश का गृहमंत्री ही बना दिया।

फ़र्ज़ी कॉल करने की मुख्य वजह थी वाइस चांसलर की कुर्सी। जिस पर विराजमान होने के लिए डा. शुक्ल वर्षों से प्रयास कर रहे थे पर असफलता के कारण उन्होंने शॉर्टकट आजमाने की कोशिश की और मित्र को गृहमंत्री और खुद को गृहमंत्री का पीए बना बैठे। और राज्यपाल को कॉल कर दिया।

नतीजा यह कि ख़याली पुलाव पकाने वाले दोनों व्यक्ति पुलिस के शिकंजे में आ फंसे।

राज्यपाल लालजी टंडन जैसे ही फोन लाइन पर आए, वाघेला ने अमित शाह बनकर कहा- ‘चंद्रेश ने मप्र आयुर्विज्ञान विवि के कुलपति के लिए इंटरव्यू दिया है, इनकी मदद करनी है।’
राज्यपाल को शक हुआ.मामले की जाँच पड़ताल होनी शुरू हुई राज्यपाल के एडीसी की शिकायत पर एसटीएफ ने विंग कमांडर और डॉ. चंद्रेश को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने धोखाधड़ी और प्रतिरूपण का केस दर्ज कर दोनों को तीन दिन की रिमांड पर लिया है।
 एडीजी एसटीएफ अशोक अवस्थी के अनुसार डॉ. शुक्ल ने  मप्र आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय, जबलपुर में कुलपति पद के आवेदन किया था।

अपने सपने को पूरा करने के लिए चंद्रेश शुक्ल टेढ़ी ऊँगली से घी निकलना चाहते थे, उन्होंने ऐसे व्यक्ति की तलाश की जिसकी बात राज्यपाल न ताल सके। अपने दोस्त कुलदीप वाघेला से बात कर उन्होंने फ़र्ज़ी कॉल किए।
और जाँच पर पूरा पर्दा फाश हो गया।

 विंग कमांडर की गिरफ्तारी के लिए एसटीएफ को एयर फोर्स चीफ से इजाजत लेनी पड़ी। वाघेला पूर्व राज्यपाल रामनरेश यादव के एडीसी भी रह चुके हैं।
बताते चलें कि 2.14 मिनट तक दोनों व्यक्तियों ने राज्यपाल से बात की और सिफ़ारिश लगायी।

 

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