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भोपाल : पुरानी पेंशन बहाली को लेकर होने वाला बड़ा आंदोलन निरस्त, पुलिस ने नहीं दी अनुमित, बताया संख्या को बड़ा आधार

भोपाल : मध्यप्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली को लेकर 13 मार्च को बड़े आंदोलन की तैयारी की थी। प्रदेश के कर्मचारियों-अधिकारियों ने शिवराज सरकार को पहले ही चेताते हुए कहा था कि अगर बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाल नहीं की जाती है तो 13 मार्च को बड़ा आंदोलन होगा। बता दे कि ये आंदोलन मप्र के बैनरतले रविवार को भोपाल के कलियासोत ग्राउंड पर होना था। इसे लेकर कर्मचारी संगठन पिछले एक महीने से तैयारियां कर रहे थे। आंदोलन के संबंध में पुलिस से अनुमति भी ली गई। जिसे पुलिस ने अब निरस्त कर दिया है।

खास बात ये है कि पुलिस ने जिस ग्राउंड पर होने वाले प्रदर्शन की अनुमति निरस्त की है, वहां 7 मार्च को मध्यप्रदेश मजदूर संघ के बैनरतले बड़ा प्रदर्शन हो चुका है। हालांकि,इस बार पुलिस ने निरस्त करने के पीछे कर्मचारियों की संख्या को बड़ा आधार बताया है। पुलिस ने कहा कि भीड़ आने से सड़कों पर जाम लगने की संभावना है। इसलिए अनुमति निरस्त की जाती है। बावजूद प्रदर्शन होता है तो कार्रवाई की जाएगी।

मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह को लिखे पत्र में पुलिस ने कहा है कि अनुमति 5 हजार कर्मचारियों की मांगी गई थी, लेकिन इसमें 20 से 25 हजार कर्मचारी प्रदेशभर से आएंगे। जिस जगह पर यह प्रदर्शन प्रस्तावित है, उसके स्वामी या विभाग से भी अनुमति नहीं ली गई है। 

वहीं, अनुमति निरस्त होने के बाद अब कर्मचारी संगठनों ने 13 मार्च को जिला और ब्लॉक स्तर पर आंदोलन करने की रणनीति बनाई है। प्रदेश अध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने बताया जिला और ब्लॉक स्तर पर प्रदर्शन किया जाएगा। मोर्चा समेत सभी संगठन के पदाधिकारियों को वहीं आंदोलन करने को कहा है। सांसद-विधायक और कलेक्टरों को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपे जाएंगे।

इससे पहले संघ के महासचिव राजेश मिश्रा ने बताया था कि पुरानी पेंशन लागू करने के लिए प्रदेशभर में कई बार धरना प्रदर्शन किए जा चुके हैं। लेकिन सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया। मजबूरी में हमें आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ रहा है।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर सियासत गरमाती जा रही है। राजस्थान और महाराष्ट्र के बाद मध्य प्रदेश में भी पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू करने की मांग तेज़ी से उठी थी। लेकिन प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने इसे लागू करने से स्पष्ट इनकार कर दिया है। वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि प्रदेश में पुरानी पेंशन लागू करने का विचार नहीं है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लागू पेंशन योजना में संशोधन करने का विचार किया जा सकता है। 

माना जा रहा है था कि बजट सत्र के दौरान सरकार इसे लागू करने को लेकर कोई फ़ैसला लें सकती है। लेकिन वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने इसे लागू करने से साफ़ मना कर दिया है। 

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