सभी खबरें

बेतुल/मुलताई:- कुपोषण में नंबर १ रहने वाले मध्य प्रदेश में बदहाली का यह हाल भी देखिये

 

  • मिड डे मिल के खाने से एक बार फिर बच्चो की जान खतरे में 
  • प्रशासन की लापरवाही और कब तक चलेगी  

बेतुल/मुलताई:-सरकारी स्कूलों में मिड डे मील का खाना खाने के बाद अनेक हादसे एक के बाद एक सामने आते जा रहे है। प्रशासन कब तक बच्चों की जान जोखिम में डालता रहेगा। हम आपको बताते है कि इस बार मामला क्या है। जिला बैतूल के तहसील मुलताई इलाके के ब्रह्मनवाड़ा में गुरुवार को मिड डे मील में कढ़ी चावल खाने के बाद 31 बच्चों को उल्टी दस्त और सीने में दर्द होने लगा। स्थिति बिगड़ती देख स्कूल प्रबंधन ने बच्चों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा दिया है। बताया जा रहा है कि 3 बच्चों की हालत गंभीर है और अन्य सभी बच्चे अभी सामान्य है। घटना के बाद कलेक्टर ने स्व सहायता समूह को हटाने और एसडीएम को जांच के आदेश दिए । सोचने वाली बात तो यह है की इतना होने के बाद जाँच के आदेश दिए है ,यह कोई पहली घटना तो है नहीं पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं सामने आयी है। उन्हें कुछ तो स्कूलों में  निगरानी रखना चाहिए था ।बच्चो के मिड डे मील का खाना खाने के बाद बिगड़ी हालत का जिम्मेदार कोन है ? 

ब्रह्मनवाड़ा के सरकारी नवीन माध्यमिक शाला में गुरुवार को 62 में से 60 छात्र स्कूल पहुंचे थे। जिन्हें मध्यान्ह में भोजन के तौर पर कड़ी चावल खाने के लिए दिए गए थे। खाने के करीब 1 घंटे बाद जब बच्चों ने उल्टी दस्त और छाती में दर्द की शिकायत की तो प्रधान अध्यापक 31 बच्चों को लेकर अस्पताल पहुंचे जहां बच्चों का इलाज किया जा रहा है। घटना के बाद कलेक्टर ने स्व सहायता समूह को हटाने और एसडीएम मुलताई सी एल शर्मा को जांच के निर्देश दिए है। सूचना के बाद जिला शिक्षा केंद्र के परियोजना समन्वयक आईडी बोडखे ने भी अस्पताल पहुंचकर बच्चों के हालचाल जाने। सरकार को मिड डे मिल के खाने पर बहुत ध्यान देने की जरुरत है। क्यूंकि हम आये दिन एक न एक ऐसे मामले सुन ही रहे है जहाँ मिड डे मील के खाने से बच्चो की हालत खराब हो रही है। अगर इन बच्चो को कुछ हो जाता है तो, इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा।  

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button