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बैतूल : सोयाबीन की खराब हुई फसल किसान कर रहे खेत शफा , अगली फसल लगाकर करेंगे नुकसान की भरपाई

बैतूल : सोयाबीन की खराब हुई फसल किसान कर रहे खेत शफा 

अगली फसल लगाकर करेंगे नुकसान की भरपाई
बैतूल से  अनिल कजोड़े की रिपोर्ट : –
जिले में अतिवर्षा एवं पीला मोजेक से जिले में हजारों एकड़ की सोयाबीन फसल बर्बाद हो गई है किसान ने खून पसीने से सींचकर फसल तैयार की थी यह सोचकर कि फसल अच्छी पकेगी और उसे कुछ पैसे मिल जाएंगे लेकिन मौसम की मार ने किसान को बर्बाद कर दिया है सोयाबीन की फसल लगी तो अच्छी थी लेकिन उसमे फल नही लगे अब ऐसी फसल को रखकर किसान और नुकसान नही झेल सकता इसलिए समय रहते सोयाबीन की फसल को साफ करना ही उचि समझ रहे है  तो कुछ जगह किसान हाथों से कटाई कर  रहे है और सरकार से खराब हुई फसल की भरपाई की उम्मीद कर रहे है|

– खरीफ सीजन की मुख्य फसल सोयाबीन की फसल खेतों में लहलहा जरूर रही है लेकिन 80 प्रतिशत फसल में फल्लियां नही लगी है पेड़ खाली है और अभी एक महीना ये फसल कट भी नही पाएगी सापना क्षेत्र के उन्नत किसान रामधार कजोड़े के द्वारा बताया कि उन्होंने 12 हजार रुपये कुंटल का सोयाबीन बीज लेकर 8 एकड़ में बोया था फसल भी अच्छी बनी मगर अतिवर्षा और फंगस लगने की वजह से फसल सूख गई पेड़ो में अफलन हो गया इसलिए उन्होंने इस फसल की बखरनी करना ही उचित समझा और 8 एकड़ की फसल पर लेवर लगाकरसाफ करवा दिया |इनका कहना है कि इस फसल को मशीन लगाकर कटवाना और उड़ाई करने बहुत लागत लग जाएगी वैसे बड़ा नुकसान हो गया है वे अब इस खेत मे अगली फसल फसल लगाकर उन्हें हुए बड़े नुकसान की भरपाई करेंगे कृषि विभाग और राजस्व की टीम भी खराब फसल का सर्वे कर ले गई है अब किसान सरकार से इस उम्मीद में है कि उन्हें खराब हुई फसल की बीमा राशि और मुआवजा शीघ्र मिले|

बोदी जुनावानी गोनिघाट कुम्हाली दनोरा बोरगांव जिन टाहली रवि सभी किसानों के साथ बैठ कर  नितिन बारस्कर के द्वारा किसानों से चर्चा की गई सभी ने भी

 अपनी पांच एकड़ खेत में सोयाबीन फसल लगाई थी उन्होंने इस फसल के लिए केसीसी से लोन लिया था यह सोचकर कि फसल अच्छी होगी मगर मौसम ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया फसल खराब हो गई और वह कर्ज के बोझ तले दब गया है इस परिस्तिथि को देखते हुए खराब फसल कुछ कृषक द्वारा लेवर एवं ट्रेक्टर चलाकर नष्ट कर दिया और अगली फसल बोने की तैयारी में जुट गए है  नितिन बारस्कर के द्वारा किसानों को बीमा राशि स्वीकृति को पूर्ण जोर लड़ाई लड़ने की सहमति जताई किसानों के द्वारा भी सरकार से बीमा और मुआवजे की मांग कर रहे है ताकि उस राशि से वह बैंक का कर्ज दे सकेंगे|

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