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शुद्ध के लिए युद्ध : स्प्रिट,शैम्पू और रिफाइंड आयल मिलाकर बनता था भिंड में दूध, पुलिस ने छापा मारा तो केमिकल देख रह गई दंग

  • एथेनोल मिलाकर बनता था दूध
  • भारी मात्रा में केमिकल बरामाद
  • लोगों को जानलेवा बीमारियां बेच रहा था डेयरी संचालक

Bhind News, Gautam : भिंड के फूंप कस्बे से एक डराने वाली खबर सामने आई है। यहाँ एक डेयरी से पुलिस ने भारी मात्र में केमिकल का इस्तेमाल कर बनाया जा रहा दूध पकड़ा है। दूध को शैम्पू, स्प्रिट और कई खतरनाक केमिकल को मिला के बनाया जा रहा था। पुलिस ने डेयरी पर छापा मारकर नकली दूध को नष्ट कर दिया है लेकिन संचालक अभी फरार है।

फूंप कसबे के सुरपुरा रोड पर एक खंडहर जैसे मकान में डेयरी को संचालित किया जा रहा था। जब पुलिस ने यहाँ पर छापा मारा तो दृश्य देखकर हतप्रभ रह गए। यहाँ बड़ी मात्रा में नकली दूध बनाया जा रहा था। नकली दूध मतलब सिर्फ पानी मिलाकर नहीं बल्कि कई सारे केमिकल और स्प्रिट मिलाकर यहाँ दूध बनाया जा रहा था। इस डेयरी को धीरेन्द्र सिंह भदोरिया नाम का आदमी संचालित करता था। इसी संचालक की एक और डेयरी रामनगर में भी है जहाँ पर भी छापा मारकर पुलिस ने भारी मात्रा में केमिकल बरामद किये हैं। पुलिस ने इन दोनों डेयरी को फिलहाल सीज कर दिया है। और मौके से बरामद पांच हज़ार लिटर दूध को नष्ट कर दिया गया है।

कौनसे केमिकल का होता था इस्तेमाल
लोगों की सेहत से बड़ा खिलवाड़ करने वाला यह आदमी एक नहीं बल्कि कई केमिकल मिलाकर दूध बनता था। माचिस की तीली के संपर्क में आटे ही आग पकड़ने वाली सुद्ध स्प्रिट जिसे आप एथेनोल भी कह सकते हैं, शैम्पू और हाइड्रोजन जैसे खतरनाक रसायनों का इस्तेमाल कर यहाँ दूध बनाया जाता था। डॉक्टरों की माने तो ऐसे दूध को पीने से आंतो में सूजन, किडनी से जुडी बिमारी और कैंसर जैसे जानलेवा बीमारिया हो सकती हैं। बहरहाल पुलिस ने दोनों गोदामों को सीज कर दिया है परन्तु संचालक धीरेन्द्र अभी भी फरार है। पुलिस ने छापा मारकर गोदाम से 17 बोरी माल्टो dexin पाउडर, 19 कार्टन रिफाइंड तेल, 300 लीटर पाम आयल, 180 लिटर हाइड्रोजन, 20 डिब्बे शैम्पू और 3 डिब्बे एथेनोल के बरामद किये हैं।

स्प्रिट देख डॉक्टर भी सकते में आ गए
छापेमारी के दौरान BMO डॉ डीके शर्मा भी मौके पर मौजूद रहे। लेकिन जब उन्होंने एथेनोल के डिब्बे देखे तो वह भौचक्के रह गए। उनका कहना था कि इतना प्योर स्प्रिट तो डॉक्टर को भी नहीं मिलता इनके पास कहाँ से आया। बता दें की स्प्रिट का उपयोग अस्पताल में घावों को साफ़ करने में किया जाता है और सर्जरी के दौरान इस्तेमाल होने वाले यन्त्र भी इसी से साफ़ किये जाते हैं। लेकिन वह भी इतना शुद्ध नहीं होता जीतना की वहां से बरामद किया गया स्प्रिट था। ऐसे एथनोल का उपयोग शराब बनाने में किया जाता है।

दूर से आ रही थी बदबू
एसडीएम ओएन सिंह की माने तो गोदाम के बहुत दूर से हीन तेज गंध आ रही थी। बदबू इतनी ज्यादा थी कि वहां खड़ा होना भी मुश्किल था। इतना सब होने के बावजूद किसी भी स्थानीय ने कोई शिकायत दर्ज नहीं करवाई थी। ऐसा क्यों था इसका अभी तक कोई पता नहीं है।

होती हैं गंभीर बीमारियां
एथेनोल एक प्रकार का शुद्ध स्प्रिट है और इसका इस्तेमाल ज्यादातर शराब बनाने में किया जाता है। ऐसे मिलावटी दूध का लगातार सेवन करने से आंत, लीवर और गुर्दे सम्बन्धी कई बड़े रोग हो सकते हैं। यहाँ तक की कैंसर जैसी खतरनाक बीमारियाँ भी हो सकती हैं। केमिकल से बनाया गया यह दूध एक प्रकार का धीमा ज़हर है और यह धीरे-धीरे आपको अनेक बीमारियों से घेर देगा।    

सवाल यह है कि जाने यह कालाबाजारी और मिलावाटखोरी कितने दिनों से चल रही थी ? इसका दूध कहाँ-कहाँ जा रहा था ? और इसको इतनी शुद्ध स्प्रिट मिली कहाँ से जो डॉक्टरों को भी नहीं मिल पाती? ये साड़ी बातें तो जांच के बाद ही सामने आ पायेगी लेकिन फिलहाल इसे प्रशासन की बड़ी सफलता मानी जा सकती है। क्योंकि राज्यभर में शुद्ध के लिए युद्ध चल रहा है।

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