प्रदेश में नेताओं की बल्ले-बल्ले

प्रदेश में नेताओं की बल्ले-बल्ले। 

अधिकारियों को चुकानी पड़ रही है ईमानदारी की कीमत। 

ट्रांसफर के रूप में यह खबर दतिया से जुड़ी हुई है। दतिया भांडेर से विधायक के पति और एसडीएम साहब के विवाद मामले को कुछ ही दिन बीते थे कि कल भोपाल से एक आदेश जारी हुआ है। यह आदेश था श्री जगदीश प्रसाद गुप्ता डिप्टी कलेक्टर दतिया को, डिप्टी कलेक्टर निवाड़ी के पद पर स्थानांतरित करने का आदेश जारी किए।  . 

सामान्य प्रशासन विभाग के अवर सचिव श्री बृजेश सक्सेना ने देखने में तो यह एक आम और साधारण स्थानांतरण ही दिखाई देता है। परंतु यदि इस पूरे मामले पर राजनीति गर्म नहीं होती। इस मामले में सरकार का हस्तक्षेप भी दिखाई नहीं देता। परंतु सत्ता के गलियारों में इस बात की सुगबुगाहट है कि सरकार ने इस मामले पर एसडीएम का स्थानांतरण इसलिए किया क्योंकि उन्होंने विधायक के पति से उलझने की कोशिश की थी। गौरतलब है कि भांडेर विधायक रनिया के पति संतराम सोनिया का एक झगड़े को लेकर एसडीएम कार्यालय में जबरदस्त विवाद हुआ था।

 इस दौरान हाथापाई करते हुए विधायक पति ने एसडीएम साहब से उनका मोबाइल भी छीन लिया था यीशु मसीह का वीडियो पूरे प्रदेश में वायरल भी हुआ था एवं इस मामले में एसडीएम महोदय थाना बरौनी में विधायक के पति के खिलाफ आपराधिक मामला पंजीबद्ध करवाया था। 

अब हालिया हुए एसडीएम के स्थानांतरण में भोपाल से लेकर दतिया तक राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ गई एवं सत्ता के गलियारों के साथ-साथ प्रशासनिक माहौल में भी यह बात चल पड़ी है कि एसडीएम को विधायक पति से विवाद करना भारी पड़ा और स्थानांतरण के तौर पर उन्हें सरकार द्वारा सजा दे दी गई।  वरना भला क्या होता कि घटना के चंद दिनों के बाद ही एसडीएम साहब का सुपरसोनिक गति से तबादला कर दिया गया हो और आनन-फानन में रविवार जो की छुट्टी का दिन था इस दिन आदेश जारी कर दिए गए हो।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ भले ही दावा करते हो कि वह प्रदेश के गरीबों की सरकार चलाते हैं और प्रदेश में सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की पॉलिसी बनाते हैं किंतु इस घटना का रिजल्ट देख कर तो यही आशय लगाया जा सकता है कि किस तरह से राजनीति ने प्रदेश की अफसरशाही व लोकशाही को भी अपने चंगुल में फंसा के रखा है आने वाले दिनों में क्या हमें और भी तबादले देखने को मिलेंगे या बहुत बड़ा सवाल है

आखिर क्या था विधायक व एसडीएम का पूरा विवाद ?
दरअसल यह पूरा विवाद शुरू होता है गिनती से भरे हुए एक्सट्रैक्टर को एसडीएम द्वारा जप्त करने की घटना से। एसबीएम जेपी गुप्ता ने स्वयं विधायक पति एवं कांग्रेसी नेता संतराम सरवानिया एसडीएम साहब के दफ्तर पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने उल्टे एसडीएम पर गंभीर आरोप लगाते हुए उन्हें भाजपा नेताओं के संरक्षण पर कार्य करने का आरोप लगाते हुए ट्रैक्टर चालक से 10000 की रिश्वत मांगने का गंभीर आरोप भी लगाया था। 

दतिया एसडीएम गुप्ता विधायक पति ताबड़तोड़ नोकझोंक का वीडियो अपने मोबाइल के माध्यम से बना रहे थे तो गुस्से में विधायक पति ने एसडीएम महोदय का मोबाइल छीन लिया मामले के बाद जहां अधिकारी कर्मचारी एसडीएम के समर्थन में उतर आए और विधायक पति के खिलाफ कार्यवाही का कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा कर कड़ी कार्यवाही की मांग कि। 

आपको बता दें इस पूरे मामले में एसडीएम ने विधायक पति, संतराम सरवानिया, जीतू दांगी, अजय शुक्ला सहित अन्य लोगों पर मामला भी दर्ज करवाया था। जिसकी शिकायत थाना बरौनी पुलिस में की गई थी। 

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