बड़वानी : घर की छत पर जैविक सब्जीयों का सफल उत्पादन

घर की छत पर जैविक सब्जीयों का सफल उत्पादन
बड़वानी  से हेमंत नागझिरिया की रिपोर्ट : – 
वर्तमान परिदृष्य में जहाॅ खेत संकीर्ण होते जा रहे व जनसंख्या में लगातार वृद्वि हो रही है, कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में केन्द्र के आवासीय परिसर कृषि नगर में निवासरत तकनीकी अधिकारी  उदयसिहं अवास्या की धर्मपत्नी  ज्योति अवास्या द्वारा घर की छत पर छोटी-छोटी क्याॅरियाॅ तैयार कर प्याज, बैंगन, लौकी, टमाटर, हरा धनीया, मिर्च, पौधीना, करेला, ,खीरा, पालक, मैथी व फुल गोभी की जैविक सब्जियाॅं ली जा रही है । ज्योति ने बताया कि विगत वर्ष उन्होंने कृषि विज्ञान केन्द्र से नर्सरी प्रबंधन व बैमोसमीय सब्जी उत्पादन पर प्रशिक्षण प्राप्त किया था जिसमें प्रशिक्षण के दौरान केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. एस.के. बड़ोदिया द्वारा छत पर जैविक सब्जीयाॅं उत्पादित कर ताजी सब्जीयाॅं प्राप्त करने की सलाह दी थी । इसके लिये घर के तेल के टीन, पानी की बोतल व अन्य अनुपयोगी सामग्री के साथ-साथ पाॅलीथीन बैग का उपयोग कर सब्जीयाॅं लगाई । जिससे वे घर के लिये रोज जैविक सब्जी प्राप्त कर रही है । उन्होंने बताया की लाॅकडाउन के समय में भी उन्होने छत पर जैविक सब्जीयाॅं प्राप्त की । ज्योती समय-समय पर केन्द्र उद्यानिकी वैज्ञानिक डाॅ. डी. के. जैन, शस्य वैज्ञानिक डाॅ. डी. के. तिवारी व रविन्द्र सिकरवार से मार्गदर्षन प्राप्त कर छत पर जैविक सब्जीयों के रखरखाव व कीट रोग प्रबंधन की जानकारी प्राप्त करती है । केन्द्र के प्रधान वैज्ञानिक डाॅ. एस.के. बड़ोदिया ने  ज्योति के उक्त प्रयास की प्रशंसा करते हुए कृषि विज्ञान केन्द्र के माॅडल के रूप में प्रोत्साहित करने की बात कही व उन्होंने कहा कि इस प्रकार छत पर जैविक सब्जीयों व फल-फुल लगाने से स्वयं के स्वास्थ्य पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ता है, इस विपरीत समय में अगर हम इस प्रकार से स्वयं व अपने बच्चों को इस प्रकार की गतिविधियों में संलग्न रखते है तो शारीरिक के साथ-साथ मानसिक रूप से भी स्वस्थ होते है व इसके अच्छे दुरगामी परिणाम प्राप्त होते है ।                                                             

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