भगवान बिरसा मुण्डा ने जनजातीय संस्कृति और देश की आजादी के लिए प्राणों की आहूति दी- मुख्यमंत्री चैहान
मुख्यमंत्री शिवराजस सिंह चैहान ने घुटने टेककर किया जनता को नमन
2 अरब 94 करोड़ 93 लाख के 42 कार्यों का शिलान्यास एवं 70 करोड़ 35 लाख के 19 कार्यों का मुख्यमंत्री ने किया लोकार्पण
जनजातीय समाज के स्वतंत्रता सेनानियों के जन्मस्थली पर हर वर्ष लगेंगे मेले
बड़वानी से हेमंत नागझिरिया की रिपोर्ट : – मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कहा है कि भगवान बिरसा मुण्डा, शहीद भीमा नायक, शहीद टंट्या मामा ने जनजातीय संस्कृति की रक्षा और अंग्रेजों से देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने अंग्रेजों के खिलाफ शोषण, धर्मान्तरण को रोकने और हमारी संस्कृति को बचाने के लिए निरन्तर संघर्ष किया। उन्होंने जनजातियों की पूजा-पाठ की पद्धतियों, जीवन मूल्यों और संस्कृति की रक्षा और आजादी के लिए निरंतर कार्य किया। जिसके कारण हमारी संस्कृति, परम्परा जीवनमूल्य की रक्षा हो सकी। इसलिए जनजातीय वर्ग के शहीदों के स्मारकों पर उनके जन्म दिवस पर हर वर्ष लगेंगे मेले।
उक्त बाते प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने शुक्रवार को बड़वानी जिले के ग्राम ऊंची में आयोजित जन-जातीय गौरव सम्मान समारोह को सम्बोधित करते हुए कही। इस दौरान मुख्यमंत्री ने सभी को दोनो हाथ उठाकर संकल्प भी दिलाया कि वे अपनी संस्कृति, परम्परा, जीवन मूल्य को बचाने में योगदान देंगे।
समारोह का शुभारंभ मुख्यमंत्री चैहान ने भगवान बिरसा मुण्डा की फोटो पर माल्यार्पण तथा कन्या पूजन के साथ किया। समारोह में केन्द्रीय राज्य मंत्री इस्पात फग्गनसिंह कुलस्ते, प्रदेश की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, प्रदेश के पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, राज्यसभा संसद डाॅ. सुमेरसिंह सोलंकी, खरगोन-बड़वानी सांसद गजेन्द्रसिह पटेल, बैतूल सांसद दुर्गादास उईके, धार सांसद छतरसिंह दरबार, अखिल भारतीय वनवासी कल्याण परिषद के वक्ता प्रकाश काले, पूर्व मंत्री अंतरसिंह पटेल, रंजना बघेल, भाजपा जिलाध्यक्ष री ओम सोनी सहित अन्य जनप्रतिनिधि, ग्रामों के पटेल, स्व-सहायता समूह की दीदीयां एवं दूरदराज क्षेत्रों से आये बड़ी संख्या में जनजातीय बंधु, इन्दौर संभाग कमिशनर पवन शर्मा, कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की आजादी में भगवान बिरसा मुण्डा, शहीद भीमा नायक, रघुनाथ शाह, शंकर शाह, टंट्या भील जैसे महानायकों ने योगदान दिया। हम इन महानायकों के योगदान को कभी भुला नही सकेंगे। भारत की मुख्य धारा देश की जनजातियां हैं। जनजाति परम्पराओं एवं संस्कृति को अक्षुण्य रखने के प्रयास किए जायेंगे। कुछ लोग भ्रम फैलाकर देश में हमारी सांस्कृतिक, सामाजिक समरसता को तोड़ने का प्रयास कर रहे है। लोभ, लालच, भय और प्रलोभन देकर धर्मान्तरण करने का प्रयास किया जा रहा है। ऐसे असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। मध्यप्रदेश की धरती पर लव-जिहाद नहीं होने देंगे, इसके लिए जल्द ही प्रदेश में कानून बनाया जायेगा। बेटियों को बहला-फुसलाकर विवाह करने वालों को 10 साल का प्रावधान किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में जिन वनवासियों को भूमि के पट्टे दिए गए है, उन्हें मुख्यमंत्री सम्मान निधि योजना, प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना का लाभ भी दिया जायेगा। प्रदेश में जनजातियों का शोषण और लूट नहीं होने दी जायेगी। जिन अवैध साहूकारों ने जनजाति परिवारों को कर्जा दिया है और सम्पत्ति गिरवी रखी है, ऐसे सभी अवैध कर्जों को मध्यप्रदेश में माफ कर दिया गया है। ऐसे कर्ज की प्रदेश में वसूली नहीं की जा सकेगी। अवैध साहूकारों के विरूद्ध जनजातीय ऋण विमुक्त अधिनियम 2020 बनाया गया है। जिसके तहत जनजातीय वर्ग की सम्पत्ति गिरवी रखने वाले अगर उनकी गिरवी सम्पत्ति वापस नही करते है तो उन्हे जेल की सजा का प्रावधान भी किया गया है।
कार्यक्रम के दौरान केन्द्रीय राज्य मंत्री इस्पात फग्गनसिंह कुलस्ते, प्रदेश की आदिम जाति कल्याण मंत्री मीना सिंह, पशुपालन मंत्री प्रेमसिंह पटेल, राज्यसभा सांसद डाॅ. सुमेरसिंह सोलंकी, खरगोन बड़वानी सांसद गजेन्द्रसिंह पटेल ने भी अपने संबोधन में कहा कि भगवान बिरसा मुण्डा, शहीद भीमा नायक एवं शहीद टंट्या मामा जनजातीय समाज के महानायक हैं। उन्होंने जनजातीय संस्कृति की रक्षा की और देश की आजादी में महत्वपूर्ण योगदान दिया। देश की खातिर अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। अतः हम सभी अपनी संस्कृति, परम्परा एवं जीवन मूल्य की रक्षा करे।
भीमा नायक की जन्मस्थली पर लगेगा हर वर्ष मेला
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने घोषणा की, कि जनजातीय समाज के स्वतंत्रता सेनानी शहीद भीमा नायक के स्मारक पर 29 दिसम्बर को हर वर्ष मेला लगाया जायेगा। इस वर्ष लगने वाले मेले में वे भी वर्चुअल माध्यम से जुडेंगे। वही 04 अप्रैल को शहीद टंट्या मामा की जन्मस्थली पर भी हर वर्ष मेला लगाया जायेगा।
12 विशिष्ट आवासीय विद्यालय एवं 9 महाविद्यालय कन्या छात्रावास की दी स्वीकृति
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने प्रदेश के ठीकरी, भीकनगांव, नालछा, निसरपुर, बदनावर, बंधना, पुनासा, इन्दौर, घोड़ाडोंगरी, आटनेर, आमला, बागली में विशिष्ट आवासीय कन्या शिक्षा परिसर एवं इन्दौर, ग्वालियर, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगोन, धार, कुक्षी, होशंगाबाद एवं ठीकरी में महाविद्यालयीन कन्या छात्रावास के निर्माण की स्वीकृति भी प्रदान की।
दोनो शिवराज मिलकर करे जनता का उद्धार
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने कलेक्टर शिवराज सिंह वर्मा की तरफ मुखातिब होते हुए कहा कि ‘‘मै भी शिवराज, तुम भी शिवराज‘‘ इसलिए दोनों मिलकर बड़वानी की गरीब जनता का करे उद्धार। जिले में एक भी ऐसा गरीब नही रहना चाहिए जिसे पात्रता पर्ची एवं अन्य योजनाओं का लाभ नही मिला हो।
प्रदेश के किसानों को मिलेंगे सब्जियों के सही दाम
कार्यक्रम के दौरान प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान ने बताया कि बड़वानी जिले में किसान अच्छी सब्जी उत्पादित कर रहे है, किन्तु बिचैलियों के कारण उन्हे उनका सही दाम नही मिल रहा है। जिसके कारण किसानों एवं उपभोक्ताओं को लाभ नही मिल रहा है। इसके लिए ऐसी व्यवस्था की जायेगी, कि दोनों को लाभ मिल सके।
1021 हितग्राहियों को वनाधिकार प्रमाण पत्र वितरित किए : –
मुख्यमंत्री चैहान ने कार्यक्रम में वन अधिकार अधिनियम के तहत जिले के 1021 हितग्राहियों को वनाधिकार प्रमाण पत्र वितरित किए। साथ ही जिले के 5 प्रतिभावान विद्यार्थियों का सम्मान किया। इनमें आकांक्षा योजना के तहत मुकेश सस्ते, कुमारी स्वाति भमरलाल रावत, चिकित्सा महाविद्यालय में प्रवेश के लिये अनिल चैहान, क्लेट के माध्यम से चयनित कुमारी ईशा कराले एवं कुमारी सोनल वास्कले आदि शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने स्व-सहायता समूहों को क्रेडिट लिमिट का वितरण भी किया। इसी प्रकार प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत नवीन उद्योग खोलने हेतु अमित पण्डित को 25 लाख का ऋण एवं मुकेश पटेल मछुआ समूह को पटटे पर टेमला तालाब दिये जाने का भी प्रपत्र सौपा । साथ ही लाड़ली लक्ष्मी योजना के तहत बालिकाओं की माताओं को प्रमाण पत्र का भी वितरण किया।
2 अरब 94 करोड़ 93 लाख के 42 कार्यों का शिलान्यास किया : –
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री चैहान ने 2 अरब 94 करोड़ 93 लाख की लागत वाले 42 कार्यो का शिलान्यास किया। इन कार्यो में 17.86-17.86 लाख से बनने वाली 35 शासकीय गौशाला सम्मिलित है। यह गौशाला ग्राम बोम्या, बोरलाय, मेणीमाता, सिलावद, सुस्तीखेड़ा, खेड़ी, ग्वाड़ी, मोगरीखेड़ा, वझर, बंधाराखुर्द, देवधर, ओसवाड़ा, अंजराड़ा, गारा, जूनाझिरा, पाटी, ठान, कासेल, मटली, पिपरीबुजुर्ग, रेवजा, सालखेड़ा, सिदड़ी, उपला, बलखड़, धनोरा, गैरूघाटी, गोई, केरमला, मड़गाॅव, रामकौला, खुरमपुरा, पिपल्याडेब, रणगांव रोड में बनेगी। 80 करोड़ से बनने वाले बड़वानी-बंधान-अम्बापानी-सिंधीखोदरी-सिलावद मार्ग, 47 करोड़ से बनने वाले धाबाबावड़ी-बालकुआ-लोनसरा-बोरलाय मार्ग, 1 अरब 28 करोड़ 85 लाख से पाटी माईक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना, 14 करोड़ से जिला चिकित्सालय में होने वाले उन्नयन कार्य का, 8 करोड़ 84 लाख से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अंजड़ का होने वाला उन्नयन कार्य, 7 करोड़ 55 लाख से ग्राम टाकली बैराज का, 2 करोड़ 62 लाख से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र रोसर एवं बोकराटा के नवीन भवन का शिलान्यास किया ।
70 करोड़ 35 लाख के 19 कार्यों का लोकार्पण किया : –
इसी प्रकार मुख्यमंत्री चैहान ने 70 करोड़ 35 लाख रूपये की लागत वाले 19 कार्यों का लोकार्पण किया। इन कार्यो में 27 करोड़ 47 लाख से बने कन्या शिक्षा परिसर भवन राजपुर, 9 करोड़ 96 लाख से बने आईटीआई भवन खेतिया, 6 करोड़ 50 लाख से बना पानसेमल का शासकीय महाविद्यालय भवन, 3 करोड़ 58 लाख की लागत से जिला मुख्यालय पर बना ईव्हीएम भवन, 2 करोड़ 92 लाख से जिला मुख्यालय पर बना निःशक्तजन पुर्नवास केन्द्र, 1 करोड़ 35 लाख से सेंधवा में बने अंग्रेजी माध्यम आदिवासी कन्या आश्रम शाला भवन, 1 करोड़ 35 लाख से पानसेमल में बने अंग्रेजी माध्यम आदिवासी कन्या आश्रम शाला भवन, 92 लाख से जिला मुख्यालय पर बना आयुष कार्यालय, 25 लाख से जिला मुख्यालय पर बना नापतौल विभाग का प्रयोगशाला भवन, 4 करोड़ 8 लाख से बने जाल्यापानी से मनानी मार्ग, 3 करोड़ 50 लाख से बने जाल्यापानी से नीलबावड़ी मार्ग, 2 करोड़ 30 लाख से बने सावरियापानी से डाबरी मार्ग, 91 लाख से जिला चिकित्सालय में बने 10 बिस्तरीय आईसीयू वार्ड, 40 लाख से राजपुर में बने आजीविका भवन, 40 लाख से ठीकरी में बने आजीविका भवन, 23 लाख 72 हजार से कुसमिया में बनी गौशाला, 23 लाख 72 हजार से बरूफाटक में बनी गौशाला, 23 लाख 72 हजार से बड़गाॅव में बनी गौशाला, 3 करोड़ 63 लाख से पिपरी-पलसूद मार्ग पर निर्मित सेतु का लोकापर्ण किया ।