सभी खबरें

बड़वानी : रासायनिक खादों से मृदा के स्वास्थय के साथ-साथ मानव स्वास्थय पर भी विपरीत असर ,जैविक खेती -आय का साधन

रासायनिक खादों से मृदा के स्वास्थय के साथ-साथ मानव स्वास्थय पर भी विपरीत असर ,जैविक खेती -आय का साधन
बड़वानी  से हेमंत नागझिरिया की रिपोर्ट : – 
वर्तमान समय में जहां रासायनिक खादों से मृदा के स्वास्थय के साथ-साथ मानव स्वास्थय पर भी विपरीत असर पड़ रहा है । परिणामस्वरूप मृदा की उर्वरा शक्ति कम हो रही है, जिससे विभिन्न खाद्य फसलों का उत्पादन प्रभावित हो रहा है वहीं ऐसे समय में आंकाक्षी जिला बड़वानी के प्रगतिषील कृषक दिलीप पाटीदार निवासी ग्राम बोरलाय द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी केन्द्र के मार्गदर्षन में जैविक खेती को अपनाया गया ।  उन्होनें विभिन्न फसलों में जैविक पद्वति को अपनाकर जैविक खेती करने का संकल्प लिया है। इनके द्वारा वर्तमान में अपने कृषि फार्म पर लगभग 2.5 एकड़ में अदरक की फसल एवं 4 एकड़ क्षेत्र में अरबी की फसल लगाई गयी है। इनके द्वारा अदरक फसल के जैविक बीज तैयार किया जा रहा है । इसी तारतम्य में ’’एक जिला एक फसल’’ कार्यक्रम के अन्तर्गत बड़वानी जिले हेतु चयनित फसल अदरक के प्रक्षेत्र का भ्रमण कृषि विज्ञान केन्द्र बड़वानी के प्रधान वैज्ञानिक एवं प्रमुख डाॅ. एस.के. बड़ोदिया, उद्यानिकी वैज्ञानिक डाॅ. डी. के. जैन, शस्य वैज्ञानिक डाॅ. डी. के. तिवारी व राॅवे छात्राओं द्वारा किया गया । इस अवसर पर  दिलीप पाटीदार ने छात्राओं को बताया कि उनके द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों के मार्गदर्षन में खेत तैयार करने हेतु नीम खली व केंचुआ खाद के भुरकाव के साथ ट्राइकोडरमा का उपयोग किया । इसके पश्चात कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा उपलब्ध करायें गये वेस्ट डिकम्पोजर का घोल तैयार कर खेत में छिड़काव किया । इसके साथ ही वे अदरक फसल के बीजोत्पादन हेतु फसल तैयार कर रहे है जिसके लिये केचुआ खाद व अन्य जैविक उत्पाद जैसे नीम खली व जैविक कीटनाषक गौ कृपा जीवामृत वैज्ञानिकों के मार्गदर्षन में तैयार कर अदरक की फसल में उपयोग ले रहे है । उनका यह कहना है कि अगर हम खेती में रसायनों का प्रयोग नहीं करेंगे तो इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्वि के साथ जनसामान्य हेतु जैविक फसल उपलब्ध करा सकेंगें जिससे मृदा व सभी के स्वास्थय के लिये लाभकारी होगा । भ्रमण के दौरान छात्राओं ने जैविक पद्वति से मसाला फसलों के उत्पादन की प्रायोगिक जानकारी प़्राप्त की ।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published.

Back to top button