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औरंगाबाद/ क्या राजनीतिक पैतरा है साईंबाबा के जन्मस्थान का परिवर्तन! "सिरडी से धूपखेड़ा "

एजेंसी/औरंगाबाद: साईं बाबा के जन्म(birth) को लेकर जो इतने विवाद चल रहे थे आखिरकार उसमें भी एक नया मोड़ आया है। जन्म को लेकर गहमागहमी के बीच महाराष्ट्र(maharastra) के औरंगाबाद से 31 किलोमीटर दूर धूपखेड़ा(dhupkheda) गांव में साईं बाबा का जन्म स्थान होने का मंगलवार को दावा किया गया है। गांव के विकास के लिए गांव वालों ने 50 करोड़(crore) मांगे हैं। गांव ने दावा किया है कि साईंचरित्र मे चांद भाई के नाम का जिक्र किया गया है वह इस गांव के तत्कालीन पुलिस पाटील थे। जिन्होंने सबसे पहले साईं बाबा को देखा था। चांद भाई ने बाबा को धूपखेड़ा लेकर आए और वहां से बाबा शिर्डी के लिए चले गए।

गांव के विकास की मांग करते हुए कहा कि यह मांग बहुत पुरानी है। जब साईं बाबा पहाड़ियों में धूप में चल रहे थे तब चांद भाई का घोड़ा खो गया, जिसकी खोज साईं बाबा ने की थी। साईं बाबा और चांद भाई की यह पहली मुलाकात थी। चांद भाई, साईं बाबा को धूपखेड़ा गांव लेकर आए, श्री साईं बाबा लगभग 3 वर्षों तक झोपड़ी में रहे और उस दौरान उन्होंने कई चमत्कार किए। उन्होंने लोगों को अच्छा करने के लिए राह दिखाया। जिस पेड़(tree) के नीचे बैठते थे वह पेड़ नीबूं का था और उस पेड़ का नीबूं आज भी खट्टा नहीं होता। वह स्थान आज भी वंदनीय है। ग्रामीणों का दावा है कि साईं बाबा इसके बाद यहां से शिरडी चले गए, लेकिन बाबा का पदार्पण पहले धूपखेड़ा गांव में हुआ था इसलिए दावा किया जा रहा है कि साईं बाबा का जन्म स्थान धूपखेड़ा ही है।

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