भोपाल :-अतिथि विद्वानों की वर्षों की गुहार :- वीडी, शिवराज के बाद अब सिंधिया को लिखा पत्र, याद दिलाया वचन
- लॉक डाउन का चौथा चरण और अतिथि विद्वानों की समस्याएं चरम पर
- फालेंन आउट हुए अतिथि विद्वानों को तत्काल सेवा में ले सरकार
भोपाल :-कोराना काल (Corona Pandemic) में लॉक डाउन(Lockdown) बढ़ता जा रहा है और साथ ही बढ़ती जा रही है फॉलेन आउट से बेरोजगार हो चुके अतिथि विद्वानों की मुश्किलें।अतिथि विद्वान नियमितीकरण संघर्ष मोर्चा के संयोजक डॉ देवराज सिंह ने बताया कि वर्तमान समय में अतिथि विद्वान विशेष रुप से फॉलेन आउट अतिथि विद्वान(Atithividwan) बेहद मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं अतिथि विद्वानों को लोक सेवा आयोग द्वारा की गई विवादित सहायक प्राध्यापक भर्ती के कारण फॉलेन आउट कर बेरोजगार कर दिया गया था।अतिथि विद्वान कई महीनों से अपने रोजी-रोटी को पुनः प्राप्त करने और नियमितीकरण के लिए आंदोलनरत थे।वर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान(ShivrajSinghChauhan) भी अतिथि विद्वानों के आंदोलन में समर्थन देने पंडाल में पहुंचे थे और जल्द से जल्द अतिथि विद्वान नियमितीकरण की मांग उठाई थी।पूरा प्रदेश जानता है कि अतिथि विद्वानों के मुद्दे पर ही सिंधिया ने सड़क पर उतरने की बात कही थी और इसी मुद्दे पर सरकारें बनी और बिगड़ी हैं। लेकिन अतिथि विद्वानों के समस्या जस की तस बनी हुई है।हमें शिवराज जी पर पूरा भरोसा है कि अतिथि विद्वानों की लंबित मांग को शीघ्र पूरा करेंगे।अभी तक लॉक डाउन के चलते अतिथि विद्वानों की सेवा में वापसी का आदेश आज तक जारी नहीं हो पाया है,सरकार को अति गंभीर मानते हुए सेवा बहाली का आदेश जारी करना चाहिए।
फिर मुख्यमंत्री,प्रदेश अध्यक्ष वा सिंधिया को लिखा पत्र
अतिथि विद्वान संघ के मीडिया प्रभारी डॉ आशीष पांडेय बताते हैं कि हमारे प्रतिनिधि मंडल लगातार सरकार के मंत्रियों सहित प्रदेश अध्यक्ष से मिल रहे हैं और गुहार लगा रहे हैं कि तत्काल फालेंन आउट हुए उच्च शिक्षित अतिथि विद्वानों को वापस सेवा में लिया जाए लेकिन अभी तक ऐसा आदेश नहीं आया जो समझ से परे है। उमरिया जिले के अतिथि विद्वान संजय कुमार ने 11 फरवरी को अनिश्चित भविष्य के चलते फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी तब शिवराज सिंह चौहान ने इसके लिए तत्कालीन सरकार को जिम्मेदार ठहराया था और ट्वीट कर कहा था कि अतिथि विद्वान आखिर कब तक नियमितीकरण का इंतजार करते रहेंगे,अतिथि विद्वानों का परिवार अब भाजपा का परिवार है आशीष पांडेय ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण अवश्य करेंगे, कोरोना संकट के चलते थोड़ा समय लग सकता है।निवेदन है कि फॉलन आउट अतिथि विद्वानों को अतिशीघ्र सेवा में वापस लेकर उन्हें बेहद गंभीर आर्थिक हालात एवं मानसिक अवसाद से बाहर निकालें।
सामाजिक कार्यकर्ता सहित प्रबुद्ध वर्ग ने भी कहा कि होना चाहिए विद्वानों का नियमितीकरण
अतिथि विद्वान नियमितीकरण के सदस्य डॉ कैलाश ने बताया कि कई सामाजिक कार्यकर्ता और बुद्धिजीवी वर्ग ने भी उच्च शिक्षित अतिथि विद्वानों के नियमितीकरण करने के लिए माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया और बोले की पिछले दो दशकों से उच्च शिक्षा की रीढ़ रहे अतिथि विद्वानों को तत्काल सेवा में लेते हुए नियमितीकरण की प्रक्रिया पूरी करें इसी में प्रदेश की भलाई के साथ साथ एक मानवता की भी मिशाल होगी