विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम बोले "कमलनाथ को देना चाहिए इस्तीफा", जीतू पटवारी ने उनसे पूछे तीखे सवाल 

भोपाल : हालही में मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने विधानसभा में अपनी कम उपस्थिति पर उठे सवाल पर कहा था की यह सही है कि मैंने विधानसभा में कम समय दिया है, क्योंकि मुझे रोज 200 लोगों से मिलना होता है। क्या मैं विधानसभा में BJP की बकवास सुनूंगा? उनके इस बयान पर बवाल मचा हुआ है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा ने इसको लेकर विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की। 

इसके बाद विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम ने कहा कि विधानसभा के बारे में अशोभनीय शब्दों की उम्मीद उनसे नहीं की जा सकती है। यदि किसी को लगता है कि विधानसभा बकवास है वहां कुछ नहीं है तो विधानसभा से बाहर जाना चाहिए। उनको इस्तीफा देना चाहिए। जो संस्था बेकार दिखाई देती है, वहां नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम दिखा रहे हैं कि उन्होंने क्या कहा कि कानून और प्रक्रिया के भीतर से परीक्षण करेंगे। और जो भी कार्रवाई हो सकती है करेंगे। 

वहीं, दूसरी तरफ विधानसभा स्पीकर गिरीश गौतम की इस प्रतिक्रिया पर पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष की प्रतिक्रिया उचित नहीं है। इस दौरान जीतू पटवारी ने पूछा कि अध्यक्ष जी, छोटा मुंह, बड़ी बात और अग्रिम क्षमा के साथ निवेदन है – “आपका पद सत्तापक्ष नहीं, निष्पक्ष होता है। नियम-कानून से चलने वाली संवैधानिक गतिविधियों को भी यदि मीडिया के जरिए साझा किया जाएगा, तो मुझे नहीं लगता कि पद की गरिमा बढ़ेगी।”

जीतू पटवारी ने विधानसभा अध्यक्ष से सवाल किया कि कमलनाथ सरकार ने अपने पहले साल में 24 बैठकें, 118 घंटे काम किया। पुनः निवेदन- सत्र बुलाना व चलाना, सभी को समान अवसर देना, विधानसभा अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी है। इसीलिए, निष्पक्ष होने के साथ, निष्पक्ष दिखना भी जरूरी है। पटवारी ने विधानसभा अध्यक्ष से पूछा कि वर्ष 2020 की 4 बैठकों में केवल 1 घंटे 53 मिनट चर्चा हुई। 2022 के बजट सत्र में 13 की बजाय 08 बैठकें हुईं, केवल 21 घंटे सदन चला। विधानसभा सत्र बुलाना व चलाना, समान अवसर देना, अध्यक्ष की बुनियादी जिम्मेदारी है, क्या ऐसा हुआ?

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