अर्जुन सिंह की मूर्ति पहुंची हाई कोर्ट

भोपाल/ लिंक रोड स्थित नान के पेट्रोल पंप के पास पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति को लगाने को लेकर विगत कुछ दिनों पहले विवाद हुआ था।
 

विवाद का कारण 
जिस स्थान पर चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति लगी थी, उस स्थान पर पूर्व में मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की मूर्ति को लगाया गया। 

हाई कोर्ट पहुंचा मामला 

ग्रीष्म जैन ने जनहित मैं एक याचिका दायर करके आरोप लगाया कि नगर निगम ने कोर्ट के आदेश का तिरस्कार करते हुए मूर्ति लगाई है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सोमवार को सुनवाई की गई, जिसके बाद अधिवक्ता को मामले के संबंध में हाई कोर्ट के अनुसार तथ्यों को पेश करने के निर्देश दिए हैं और अगली सुनवाई 2 दिसंबर को होने का आदेश दिया। 

वहीं अधिवक्ता सतीश वर्मा ने कहा 
अधिवक्ता सतीश वर्मा ने हाई कोर्ट को बताया कि जिस स्थान पर चंद्रशेखर आजाद की मूर्ति लगी थी, वहां पर ट्रैफिक व्यवस्था के कारण मूर्ति को उस स्थान से हटा दिया गया था। 

वर्मा ने कहा कि 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त आदेश दिए थे कि किसी भी चौराहों और सड़कों के किनारे पर किसी भी नेता की मूर्ति नहीं लगाई जाएगी।और जो लगी हे उन्हें हटा दिया जाए। 

टिप्पणी- कोर्ट के आदेश का भी जो सरकार उल्लंघन कर सकती है वह क्या जनता की देखभाल या उनकी सेवा कर पायेगी। 
चंद्रशेखर आजाद ने देश के लिए अपनी लड़ाई लड़ी स्वाधीनता को लाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए ऐसे महापुरुष की तुलना तथाकथित नेता मंत्रियों से कर दी गई है। 
क्या सरकार कोर्ट के आदेश से भी ऊपर है ? जो आदेश सबके लिए मान्य है तो उसका उलघन क्यों किया गया ? यदि सरकार के लोग पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह की याद में उनकी मूर्ति लगवाना ही चाहते हैं तो कोई दूसरा स्थान क्यों नहीं चुनते ? 

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