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CAB के समर्थन में RAJYASABHA में क्या बोले गृह मंत्री AMIT SHAH 

  • जो इस देश के मुसलमान हैं उनके लिए इस बिल में कोई चर्चा या चिंता का उल्लेख नहीं हैं। 
  • पाकिस्तान और बांग्लादेश में लगभग 20-20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी है l कहां गए वो लोग, या तो मार दिए गए, धर्म परिवर्तन हो गया या वो शरणार्थी बनकर भारत आ गए 
  • कुछ लोगों द्वारा भ्रांति फैलाई जा रही है कि ये बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है

2019 के चुनाव में हमने अपने घोषणा पत्र में इस बिल की घोषणा की थी।

जो कह रहे हैं कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, मैं उन्हें कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के पहले ही ये देश के सामने रखा था, जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया है। पाकिस्तान और बांग्लादेश में लगभग 20-20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी है l कहां गए वो लोग, या तो मार दिए गए, धर्म परिवर्तन हो गया या वो शरणार्थी बनकर भारत आ गएl  ये बिल धार्मिक आधार पर प्रताड़ित होकर भारत आए लोगों को नागरिकता देने का है
कुछ लोगों द्वारा भ्रांति फैलाई जा रही है कि ये बिल मुस्लिम समुदाय के खिलाफ है। जो इस देश के मुसलमान हैं उनके लिए इस बिल में कोई चर्चा या चिंता का उल्लेख नहीं हैं।

फिर ये किसकी चिंता कर रहे हैं?

इस बिल में हम तीनों पड़ोसी देशों के धार्मिक अल्पसंख्यकों को संरक्षण देकर उनको नागरिक बनाने की प्रक्रिया का संशोधन लेकर आये हैंl साथ ही पूर्वोत्तर के राज्यों के अधिकारों को संरक्षित करने के लिए भी हम प्रावधान लेकर आये हैं। जो लोग कह रहे हैं कि हम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं, मैं उन सब साथियों को कहना चाहता हूं कि हमने चुनाव के पहले ही ये इरादा देश के सामने रखा था, जिसे देश की जनता ने समर्थन दिया है। पाकिस्तान और उस समय के पूर्वी पाकिस्तान (अब बांग्लादेश) में लगभग 20- 20% अल्पसंख्यकों की आबादी कम हो चुकी हैl

आखिर कहां गए वो लोग, या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या वो लोग शरणार्थी बनकर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए भारत आ गए।  लेकिन दशकों बाद इसकी तरफ हम देखते हैं तो कटु सच्चाई ये सामने आई है कि बांग्लादेश, पाकिस्तान या अफगानिस्तान  में अल्पसंख्यकों को सम्मान का जीवन नहीं मिला। वहां अल्पसंख्यकों की घोर प्रताड़ना हुई। 

विभाजन के बाद हमारी कल्पना थी कि जो नागरिक यहां अल्पसंख्यक रहते हैं और जो पड़ोसी देश में अल्पसंख्यक हैं वो सम्मान के साथ जीवन जी पाएंगे, अपने धर्म का सम्मान के साथ पालन कर पाएंगे, अपने परिवार का सम्मान से रक्षण कर पाएंगे। 
आज में एक ऐतिहासिक बिल लेकर सदन में उपस्थित हुआ हूं। इस बिल के प्रावधान में, लाखों करोड़ों लोग जो नर्क की यातना का जीवन जी रहे हैं, उन्हें नई आशा दिखाने का ये बिल है।

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