जय-जय कमलनाथ के बाद भी प्रदेश में क्यों बदहाल किसान ?

 

भारत की लगभग 70 प्रतिशत आबादी जहाँ गांव में बसर करती हैं, और उनकी रोजी- रोटी सिर्फ व सिर्फ खेती हैं इसके बावजूद आज देश के लगभग सभी राज्यों में इनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो पाता है| बात करें मध्यप्रदेश की तो यहां के किसानो को उर्वरक खाद के लिए रात-रात भर लाइन में खड़ा होना पड़ता है,  इसके बाद इन्हे खाद मिलती है|

 

 

                                             

वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री सचिन यादव लोगो को अस्वासन दे रहें है की हमारे पास खाद की कमी नहीं है लेकिन उनके दावा बिलकुल हवा के तरह उड़ती नजर आ रही है| मुख्यमंत्री कमलनाथ भी कई बार ट्वीटर और मीडिया से मुखातिब होते हुए ऐसे मुद्दों पर सफाई देते रहते हैं| लेकिन ऐसे सफाई देने से किसानो को क्या फयदा होगा जिन्होंने अपने अच्छे के लिए,अपनी तरक्की के लिए इनको अपना मुखिया चुना| लेकिन उनको बदले में क्या मिला?”12 घंटा लाइन में लगने के बाद 2 बोरी खाद ” | वहीं एक तरफ ” जय-जय कमलनाथ का नारा देने वालों चापलूसों को नर्मदा की छाती चीर कर काली कमाई की छूट” तो दूसरी तरफ प्रदेश का किसान को तड़पता छोड़ दिया गया है।
 

Exit mobile version