सुप्रीम कोर्ट पहुंचा महंगाई भत्ता रोके जाने का मामला, सेना के रिटायर्ड अफसर ने दायर की इसके खिलाफ याचिका
नई दिल्ली – कोरोना वायरस और लॉकडाउन के बाद हालात देखते हुए पहले केंद्र सरकार और फिर कुछ राज्य सरकार ने सरकारी कर्मचारियों के DA में कटौती का आदेश जारी किया हैं। जिसके बाद इस फैसला का विरोध होने लगा। वहीं, सेवा निवृत मेजर ओंकार सिंह गुलेरिया ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई हैं। इस याचिका में मांग की गई है कि केंद्र और राज्य सरकारों को तत्काल प्रभाऊ से कर्मचारियों के DA का भुगतान करने का आदेश दिया जाए, केंद्र सरकार को सभी कारोबार सेक्टर को आर्थिक पैकेज देने की योजना बनना चाहिए।
ई-मेल से 24 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट को यचिका भेजी हैं। यचिका में कहा गया कि केंद्र सरकार DA के आदेश को वापस ले। वरिष्ठ नागरिकों का ध्यान रखें और वेतन में कटौती ना करे।
रिटायर्ड मेजर ने याचिका में कहा कि वह कैंसर के मरीज हैं और दिव्यांग भी हैं। वरिष्ठ नागरिक होने के साथ ही उन्हें ब्लड प्रेशर और भी कई बीमारियां हैं। उनकी पत्नी भी बीमार रहती हैं। और तो और अपना घर भी नहीं हैं। उनके पास केवल मेजर रैंक की पेंशन है। उन्होंने कहा कि उनके आसपास लाखों सेवानिवृत लोग सरकार के DA में कटौती के फैसले से पीड़ित हैं।
केंद्र सरकार का ये है फैसला:
सरकार को अप्रैल के पहले सप्ताह में महंगाई भत्ता देना था। जो अब तक नहीं दिया और 20 अप्रैल को उसमें कटौती की घोषणा कर दी, वह भी पिछली तारीख 1 जनवरी से लागू किया हैं। DA वेतन का ही हिस्सा होता है। पेंशन में इसे जोड़ा जाता है, सरकार ने 20 अप्रैल को मन माना और गैरकानूनी आदेश जारी कर इसे रोक दिया।