इंदौर:- एक तरफ जारी है सीएम शिवराज के मंत्री की नाटक नौटंकी, दूसरी तरफ पति को बचाने के लिए रोती रही महिला, मगर अस्पताल में नहीं मिली भर्ती, मौत
इंदौर/गरिमा श्रीवास्तव:- इंदौर में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. एक तरफ कोरोना चरम पर है तो दूसरी तरफ सीएम शिवराज के साथ उनके मंत्रियों की भी नाटक नौटंकी खत्म होने का नाम नहीं ले रही.
भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने स्वास्थ्य आग्रह किया तो वही इंदौर में कल एयरपोर्ट पर मंत्री उषा ठाकुर ने देवी अहिल्याबाई की मूर्ति के सामने कोरोना भगाने के लिए पूजा अर्चना किया.
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अस्पताल में नहीं मिली भर्ती, बेटे ने खोया पिता :-
इंदौर शहर में सबसे ज्यादा हालात बेकाबू हैं. कल सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती ना हो पाने की वजह से दो परिवारों ने अपने परिजनों को खो दिया. एक व्यक्ति का बेटा अपने पिता की जान बचाने के लिए चिल्लाता रहा पर उसे अस्पताल में भर्ती नहीं हुई. एंबुलेंस में ही पिता ने दम तोड़ दिया.
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अस्पताल में भर्ती ना मिलने से पत्नी का उजड़ा मांग का सिंदूर :-
वहीं एक दूसरी एंबुलेंस में अपने परिवार के सदस्य को लेकर पहुंची महिला बदहवास थी. पति को बचाने के लिए बार-बार ईश्वर को याद कर रही थी. लोग चिल्ला रहे थे कि ऑक्सीजन लगाओ , कोई ऑक्सीजन जरूर लेकर आया, लगाया भी , महिला चिल्लाती रही तुम हिम्मत रखना प्लीज. बार-बार आंखें खुली रखने का कहती रही. पानी दो पानी तो कहती रही, पर सांसें और उम्मीद अस्पताल की चौखट पर टूट गई.
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पीड़ित परिजनों का आरोप है कि वह मरीजों के इलाज के लिए अस्पताल में इधर-उधर भागते रहे लेकिन अस्पताल के बाहर किसी डॉक्टर या किसी नर्स ने उनका चेकअप करने तक की जहमत नहीं उठाई. सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर सुमित शुक्ला से जब इस मामले में बात करना चाहा तो उन्होंने फोन तक रिसीव नहीं किया.
अस्पताल की तरह की बड़ी लापरवाही अक्सर कर सामने आई है. लोग अपने परिजनों को खो रहे हैं और इन मंत्रियों को नाटक नौटंकी से फुर्सत नहीं मिल रही.
अस्पतालों (Indore Hospitals) में बेड नहीं हैं, ऐसे हालात में अस्पताल के बाहर मरीज इलाज के इंतजार में ही मौत के आगोश में जा रहे हैं.
परिजन बेबस थे.लाख प्रयास किए पर परिजन अपनों की जान नहीं बचा पाए. शहर में 1104 आईसीयू में 882 यानी लगभग 80 प्रतिशत से ज्यादा आईसीयू भरे हुए हैं.