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स्वच्छ सर्वेक्षण 2020 :- गंदगी बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी,एएचओ ने किया ऑन द स्पॉट फाइन

भोपाल / गरिमा श्रीवास्तव :- स्वच्छ सर्वेक्षण की दौर में टॉप 10 में स्थान बनाने वाला मध्यप्रदेश स्वच्छता को लेकर बहुत सतर्क है।कल शाम  बागसेवनिया का वार्ड 55 जोन-13 के एएचओ संदीप मंडलेकर और टीम राजा भोज आर्केड पहुंची।

वहाँ उन्होंने देखा कि चारो तरफ गंदगी फैली हुई है, खाद्य सामाग्रियों के पाउच इधर उधर पड़े हुए हैं,एएचओ ने दुकानों के आस – पास पड़ी गंदगी को देखकर दुकानदारों पर ऑन द स्पॉट फाइन कर दिया।
 बागसेवनियां के लगभग पांच दुकानों पर फाइन लगाया गया। कृष्णा डेयरी पर सबसे ज्यादा 5000 रुपए का चालान किया, क्योंकि यहां प्रतिबंधित पॉलिथीन भी मिली थी।

वहीं दूसरी तरफ पार्षद प्रतिनिधि ने कार्रवाई के विरोध में एएचओ को धमकी दे दिया।
बता दें कि चालान की जानकारी मिलते ही पहले पार्षद अर्चना ने मंडलेकर को फोन पर डांटा। मंडलेकर ने कहा- आप हमारे काम के बीच में मत आइए।
मंडलेकर के ऐसा कहने पर पार्षद गुस्से में घटना स्थल पर पहुँच गई।

वहाँ पहुंचकर उन्होंने अपना धौंस जमाते हुए एएचओ से चालान की हुई राशि को वापस करने लौटाने की मांग की, एएचओ ने राशि वापस करने से मन करते हुए कहा कि अब चालान की रशीद कट गई है, कोई भी राशि वापस नहीं की जाएगी।
अर्चना की नाराजगी बढ़ गई उन्होंने कहा- कि हमारे वार्ड में हमारे काम्पलेक्स में बिना सूचना के आकर तुमने चालान कैसे काटा?’ मैं तुम्हें जोन से हटवा दूंगी”।

ये हैं पार्षद के बोल !

सोचने वाली बात है कि अगर जनता का प्रतिनिधि करने वाले ही इस प्रकार धौंस जमाएंगे तो मनबढ़ों को गंदगी करने से रोकना कैसे संभव हो पाएगा।
वो ऐसे पार्षद के शह में पूरे प्रदेश में गंदगी मचाएँगे।
जहाँ एक तरफ पार्षद को दुकानदारों पर कार्रवाई करनी चाहिए वहीं वो उल्टा एएचओ पर नाराज़गी दिखा रही हैं।

पार्षद के नाराज़गी की बात जब चारों तरफ फैलने लगी तो उन्होंने अपने बचाव में दलील पेश करते हुए कहा कि मैंने एएचओ को हटवाने की धमकी नहीं दी। मेरा यह कहना था कि कार्रवाई से पहले व्यापारियों को चेतावनी देना चाहिए था। फिर कोई कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं संदीप मंडलेकर एएचओ का कहना है कि हम अपना काम भली भांति निभा रहे हैं,पार्षद ने पहले फोन पर अपशब्द कहे, उसके बाद वे मौके पर आ गईं। मुझे तो नौकरी करना है, चाहे किसी जोन में करूं।

 महापौर आलोक शर्मा का कहना है कि पार्षद अर्चना परमार के व्यवहार को लेकर इससे पहले कभी शिकायत नहीं मिली। पर अगर संदीप मंडलेकर (एएचओ)का कहना है कि अर्चना ने अपशब्द बोले तो मैं घटना की पूरी जानकारी लूंगा। लेकिन जनप्रतिनिधियों को स्वच्छता अभियान में सहयोग करना चाहिए।

 

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