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भ्रष्टाचार एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग कर रही सिवनी जिले की ग्राम पंचायत निधानी

द लोकनीति के लिये सिवनी से महेन्द्र सिंघ नायक

भ्रष्टाचार एवं शासकीय राशि का दुरुपयोग कर रही सिवनी जिले की ग्राम पंचायत निधानी

  • सरपंच और पूर्व सचिव की जुगलबन्दी से डकारी जा रही शासकीय राशि
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;सिवनी  जहां एक ओर शासन लोककल्याणकारी कार्यों के लिये तरह-तरह की योजनाओं के माध्यम से ग्राम पंचायत को वित्तीय रूप से सम्पन्न बना रहा है ंताकि अधिकतम जनहित हो सके वहीं  पंचायतों में हो रहे भ्रष्टाचार ने जनहित को शून्य करके स्वहित में ही शासकीय राशि को व्यय करना अपना अधिकार मान लिया है। न गुणवत्तापूर्ण कार्य किये जाते हैं न ही मजदूरों को रोजगारमूलक कार्यों में मजदूरी दी जाती है। फर्जी व अपूर्ण गुणवत्ताविहीन कार्यों पर शासन की बेशकीमती राशि स्वयं या अपने हितैषियों के लिये निपटा ली जाती है!

    मामला सिवनी जिला अन्तर्गत जनपद पंचायत लखनादौन की ग्राम पंचायत निधानी का है! जहाँ सरपंच ईश्वर युवने और यहाँ से स्थानांतरित हो चुके सचिव रामचरण करपे के भ्रष्टाचार से शासकीय राशि का मनमाना दोहन हो रहा है। वहीं पंचायत क्षेत्र के निवासी रोजगार व मूलभूत सुविधाओं को तरस रहे हैं। पंचायत द्वारा गुणवत्ताविहीन व बिना नाली, बिना पुलिया की सीसी सड़कें बनाकर इस मद की पूरी राशि निकाली गई है! शासकीय भवनों में शौचालय निर्माण दर्शाकर भी राशि आहरित की गई है। जबकि ऐसा कोई निर्माण धरातल पर नहीं है। वहीं मनरेगा की रोजगारमूलक योजनाओं में भी निधानी पंचायत के सरपंच व सचिव ने शासन को जमकर चपत लगाई है। मनरेगा अन्तर्गत निर्मित तालाब, सुदूर सम्पर्क सड़क आदि भी गुणवत्ताविहीन व अपूर्ण हैं। जिनकी लगभग 75 प्रतिशत तक राशि निकाली जा चुकी है।उक्त कार्यों में भी मजदूरों को रोजगार न देकर मशीनों के द्वारा कार्य कराकर मनरेगा जैसी शासन की मजदूर हितैषी योजना का स्वरूप बिगाड़ा गया है, साथ ही औपचारिकता के लिये रखे मजदूरों को भी भुगतान से वंचित रखा गया है! इसी के साथ ग्रामसभा की बैठकों के सवाल पर ग्रामवासियों के अनुसार ग्राम सभा की न तो बैठकें होती हैं, न ही पंचायत की आय-व्यय से सम्बन्धित जानकारी दी जाती है।


बिना सचिव के कैसे निकाल रही पंचायत खाते से शासकीय राशि

   हाल ही में ग्राम पंचायत निधानी में शासकीय राशि के दुरुपयोग का ताजा मामला सामने आया है। पंचायत सचिव रामचरण करपे के स्थानांतरण व इस पंचायत से कार्यमुक्त होने के बाद भी सरपंच ईश्वर युवने के साथ मिलकर स्थानांतरण के बाद भी दोनों ने मिलकर लगभग 1 लाख 47 हजार की शासकीय राशि पंचायत के खाते से टुकड़ों में आहरित कर शासन को चूना लगाया गया है। पंचायत दर्पण की आधिकारिक बेबसाइट के अनुसार ग्राम पंचायत निधानी के सेण्ट्रल बैंक खाता क्रमांक 1887439949 से दिनाँक 14 नवंबर 2019 से लेकर 13 जनवरी 2020 की अवधि में कई हिस्सों में लगभग एक लाख सैंतालीस हजार की राशि निकाली गई है! जबकि इस पंचायत के सचिव रहे रामचरण करपे का स्थानांतरण दिनाँक 13 जनवरी 2019 को ही हो चुका है, व अन्य पंचायत का प्रभार लिया जा चुका है, जबकि पंचायत खाते से राशि आहरण हेतु सरपंच व सचिव की संयुक्त स्वीकृति एवं ओटीपी की आवश्यकता होती है, ऐसे में कार्यमुक्त होकर भी राशि निकालना क्या ये शासकीय राशि का दुरुपयोग नहीं है। क्या तत्कालीन सचिव और सरपंच मिलकर शासकीय राशि का स्वार्थवश निज उपयोग तो नहीं कर रहे,ऐसे सैकड़ों सवाल व आरोप हैं जो सूक्ष्म व ईमानदारी से की जानेवाली जाँच पर ही सामने आयेंगे।


 जब द लोकनीति के संवाददाता  इस कृत्य की जानकारी लेने पंचायत गए तो सरपंच ईश्वर युवने अन्यत्र होने का बहाना कर कैमरे से छिपते रहे। वहीं इनके मोबाइल पर सम्पर्क करनें पर संतुष्टिजनक उत्तर न देकर प्रतीक्षा करने को कहा गया।
 इसी प्रकार सचिव रामचरण करपे के मोबाइल पर फोन करके भी जानकारी मांगने पर हीला हवाला किया गया। सरपंच व पूर्व सचिव द्वारा मिलकर शासकीय राशि का आहरण करके सवालों से बचते फिरना इनके भ्रष्टाचार व शासकीय राशि दुरुपयोग का संकेत कर रहे हैं!

14 वें वित्त की 20 लाख 18 हजार की राशि का खर्च भी संदिग्ध

       ज्ञात हो कि ग्राम पंचायत निधानी की
 अनियमितता व भ्रष्टाचार किसी से छिपी नहीं है। चौदहवें वित्त की राशि  बीस लाख अठारह हजार आठ सौ इक्यासी(20,18,881) के दिनाँक 24 मई 2019 से 15 दिसम्बर 2019 की समयावधि में हुआ व्यय भी संदिग्ध लग रहा है। इनमें भी व्यापक भ्रष्टाचार व शासकीय राशि दुरुपयोग की प्रबल सम्भावना है। जिसकी जाँच व सत्यापन के लिये मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत लखनादौन द्वारा दिनाँक 27 दिसम्बर 2019 को उपयंत्री तथा पंचायत समन्वयक अधिकारी को आदेशित किया जा चुका है। जिसकी रिपोर्ट मात्र दो दिन के भीतर प्रस्तुत की जानी थी। अब प्रश्न यह है कि यदि उक्त सत्यापन हुआ है तो उसका निष्कर्ष क्या है, इस आशय की क्या कार्यवाही हुई है, और यदि पंचायत का खाता सत्यापन के पश्चात् व सचिव के न होते हुये यदि फ्रीज किया गया है तो कैसे शासकीय राशि निकलती रही है।

       ग्राम पंचायत निधानी के कार्यों, व्यय आदि की सूक्ष्म व ईमानदारी से जाँच होने पर भ्रष्टाचार व शासकीय राशि दुरुपयोग की कई परतें खुलेंगी। आशा है जिम्मेदार अधिकारी इस पर गम्भीर संज्ञान लेकर उचित कार्यवाही करेंगे। क्योंकि शासन की योजनायें जनहित के लिये हैं, व्यक्तिगत हित के लिये नहीं। शासकीय राशि जनकल्याण के लिये है, स्वकल्याण के लिये नहीं। यदि कोई जनप्रतिनिधि या शासकीय कर्मचारी शासन की योजनाओं को अपने स्वार्थ से कलुषित करे तो सम्बन्धित पर कार्यवाही की जानी चाहिये।

शफी मोहम्मद कुरैशी(मुख्य कार्यपालन अधिकारी लखनादौन) का कहना है कि मामला जानकारी में आया है, हम जाँच करायेंगे! पंचायत खाता रोक दिया गया है।

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